ENGLISH HINDI Sunday, December 07, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
श्री संतोषी माता मंदिर में धूमधाम से मनाई गई श्री अन्नपूर्णा माता जयंती पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया व संजय टंडन समेत अनेक हस्तियों ने किए साई पादुकाओं के दर्शनचण्डीगढ़ के साईं मंदिर में जो अनुभूति हुई, वो शिरडी जैसी ही हुई : सीईओ गोरक्ष गाडिलकर हरियाणा के खेल, कानून और युवा सशक्तिकरण मंत्री गौरव गौतम 11 दिसंबर को पुरस्कार वितरण समारोह के होंगे मुख्य अतिथि चौथा स्वर्गीय आर.पी. सिंह क्रिकेट कोच मेमोरियल कंबाइंड लड़कों और लड़कियों का अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट 23 दिसंबर सेशंखनाद, आतिशबाजी व ढोल-नगाड़ों के साथ साईं बाबा की शिरडी से पधारी चरण पादुकाओं के स्वागत को उमड़ पड़े साईं भक्ततथास्तु चैरिटेबल स्कूल में ब्रजआशा फाउंडेशन ने बच्चों को स्वेटर एवं जुराबें वितरित कीं गुड विल क्रिकेट अकादमी, साहनेवाल, सी.डब्ल्यू.एन. अकादमी, पीरमुच्छला एच.के.क्रिकेट अकादमी, लुधियाना और टी.डी.एल स्टेडियम, पंचकूला जीते
काम की बातें

हिन्दी वर्णमाला कितनी तार्किक

February 27, 2022 11:18 AM

आज के छात्रों को भी नहीं पता होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला विज्ञान से भरी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में शामिल नहीं है। जैसे देखें

*क ख ग घ ड़* -पांच के इस समूह को "कण्ठव्य" *कंठवय* कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।

*च छ ज झ ञ* -इन पाँचों को "तालव्य" *तालु* कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालू महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।

*ट ठ ड ढ ण* -इन पांचों को "मूर्धन्य" *मुर्धन्य* कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।

*त थ द ध न* - पांच के इस समूह को *दन्तवय* कहा जाता है क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। उच्चारण का प्रयास करें।

*प फ ब भ म* - पांच के इस समूह को कहा जाता है *ओष्ठव्य* क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। उच्चारण का प्रयास करें।

दुनिया की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है? हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व की आवश्यकता है, लेकिन साथ ही हमें यह भी बताना चाहिए कि दुनिया को क्यों और कैसे बताएं।
अपनी भाषा का गौरव बढ़ाएँ।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें