दो साल पहले, हजारों भारतीय किसान तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में एकत्र हुए थे, जिनका उद्देश्य भारत के कृषि उद्योग को नियंत्रणमुक्त करवाना और इसे मुक्त-बाजार ताकतों के लिए खोलना था।
यदि अदालतें इन परिस्थितियों में भी उनके मुआवजे में कंजूसी करेंगी तो ये घायल पीड़ित के लिए अपमान के समान परिणामी है।