ENGLISH HINDI Sunday, November 02, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
डॉ राजेंद्र कुमार कनौजिया की नवीनतम पुस्तक मेरी प्रिय कहानियां का हुआ विमोचनहिमाचल महासभा की मासिक बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआराजीव विहार में शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल शांति स्वरूप राणा, अशोक चक्र (मरणोपरांत) की प्रतिमा का अनावरणखाटू श्याम बाबा का जन्मोत्सव श्री श्याम संकीर्तन करके मनायाप्रदेश में चिट्टे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी प्रदेश सरकार- मुख्यमंत्रीहरियाणा में राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजनभारत विकास परिषद ने आयोजित की वार्षिक राष्ट्रीय समूह गायन प्रतियोगिता महिला क्रिकेट विश्वकप: आज है अग्निपरीक्षा भारत की
 
 
संपादकीय
एक तरफ किसानों से बातचीत तो दूसरी और किसानों पर अद्वितीय गोलाबारी क्या यह है 2024 के बाद का भारत

दो साल पहले, हजारों भारतीय किसान तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में एकत्र हुए थे, जिनका उद्देश्य भारत के कृषि उद्योग को नियंत्रणमुक्त करवाना और इसे मुक्त-बाजार ताकतों के लिए खोलना था। 

एक तरफ किसानों से बातचीत तो दूसरी और किसानों पर अद्वितीय गोलाबारी क्या यह है 2024 के बाद का भारत

दो साल पहले, हजारों भारतीय किसान तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में एकत्र हुए थे, जिनका उद्देश्य भारत के कृषि उद्योग को नियंत्रणमुक्त करवाना और इसे मुक्त-बाजार ताकतों के लिए खोलना था। 

वाहन बीमा पॉलिसी में दुर्घटना में मृत्यु ही नहीं बल्कि अपंगता लाभ भी मांगो

यदि अदालतें इन परिस्थितियों में भी उनके मुआवजे में कंजूसी करेंगी तो ये घायल पीड़ित के लिए अपमान के समान परिणामी है।

अगर रोटी नहीं पलटोगे तो जल जाएगी और सत्ता नहीं बदलोगे तो तानाशाह हो जाएगी... MANIPUR SCRIBES PUT EGI IN TROUBLES चुनाव आयोग कि स्वतंत्रता पर सुप्रीम सुनवाई, कितना सही, कितना गलत पुरानी पेंशन योजना बहाली पर नीति आयोग की चिंता, कितना सही, कितना गलत कुछ याद उन्हें भी कर लो वसंत पंचमी इतिहास के झरोखों से लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट अपनाएं और प्रॉपर्टी पर किरायेदारों के अनुचित दावे से बचें वाहन बीमा पॉलिसी में दुर्घटना में मृत्यु ही नहीं बल्कि अपंगता लाभ भी मांगो वसंत पंचमी इतिहास के झरोखों से कृषि कानून वापस कैसे हो भाई- आगे है कुआं तो पीछे खाई याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा किसान त्रस्त - सरकारें मस्त सरकारों को क्यों सुनाई नहीं देता धरतीपुत्र का आर्तनाद आयकर विभाग का इंस्टेंट पैन कार्ड सुविधा में एक पेंच, जनता परेशान दिल्ली में क्यों बढ़ जाता है अक्टूबर से ही प्रदूषण? पराली ही नहीं अन्य फैक्टर भी हैं जिम्मेदार मौत में अपना अस्तित्व तलाशता मीडिया मां भारती सुशांत राजपूत की मौत का रहस्य— हत्या या आत्महत्या?