ENGLISH HINDI Thursday, March 28, 2024
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
वर्ष 2025 से विनाशकारी आपदाएं अपना तीव्रतम रूप धारण करने लगेंगी : पं. काशीनाथ मिश्रवरिष्ठ पत्रकार जगीर सिंह जगतार का निधन गतका खेल लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का बेहतर, आसान और सस्ता विकल्प - हरजीत सिंह ग्रेवालश्री सांई पालकी शोभा यात्रा पहुंची चण्डीगढ़-पंचकूला में बाबा भक्तों के द्वारखास खबरः चुनावों संबंधित हर नई अपडेट के लिए बरनाला प्रशासन ने तैयार किया सोशल मीडिया हैंडलमेडिकल स्टोर ने 40 रूपये के इंजेक्शन का बिल नहीं दिया, उपभोक्ता आयोग ने 7000 रुपया का जुर्माना ठोकाशिकंजाः किसी भी धार्मिक स्थल पर राजनीतिक रैली नहीं कर सकेंगी राजनीतिक पार्टियांबागी विधायकों पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला लोकतंत्र की बड़ी जीत: नरेश चौहान
संपादकीय

लॉक डाउन में प्रीपेड मोबाइल को वैलिडिटी एक्सटेंशन का लाभ डी टी एच उपभोक्ता को क्यो नहीं

April 19, 2020 12:04 PM

संजय कुमार मिश्रा

 देशव्यापी लॉक डाउन में उपभोक्ताओं को हो रही दिक्कतों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों ने रेगुलेटरी अथॉरिटी के सलाह पर अपने प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की वैधता (जो लॉक डाउन पीरियड में समाप्त हो रही थी) को 3 मई 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की है ताकि उपभोक्ता को रिचार्ज नहीं होने के कारण भी उसकी इनकमिंग कॉल जारी रहेगी और वो सेवा से जुड़े रहेंगे। लेकिन रिचार्ज की समस्या तो डीटीएच उपभोक्ताओं को भी है फिर उनके लिए ना तो ट्राई ने और ना ही कंपनियों ने कोई समुचित उपाय किए।

टाटा स्काई ने तो अपने उपभोक्ताओं को उधार की सुविधा प्रदान की है, लेकिन एयरटेल डिजिटल टी वी ने गिनती के चार चैनल जैसे रसोई एवं फिटनेस आदि को अपने ग्राहकों को मुफ्त में देने की घोषणा की है ताकि उपभोक्ता का कनेक्शन चालू रहे और कंपनियों का मीटर घूमता रहे।

एयरटेल डिजिटल टी वी ने तो अपने कई उपभोक्ता के टी वी रिचार्ज नहीं हो पाने के कारण बंद कर दिए, ऐसे ही चंडीगढ़ ट्राइसिटी में जीरकपुर के एक उपभोक्ता ने हमारे संवाददाता को बताया कि लॉक डाउन में उसके टीवी का रिचार्ज 18 अप्रैल को समाप्त हो गया और वो सोच ही रहे थे कि अब टीवी को कैसे रिचार्ज किया जाय तभी एयरटेल डिजिटल कंपनी से टैक्स्ट मैसेज आ गया टीवी बंद होने का।

सवाल ये भी है कि इस लॉक डाउन में जब सभी दुकानें एवम् प्रतिष्ठान बंद है और रिचार्ज की समस्या कमोबश सभी को है तो फिर ट्राई एवं टेलीकॉम कंपनियों द्वारा प्रीपेड मोबाईल उपभोक्ता एवम् डी टी एच उपभोक्ताओं के बीच अंतर की एक लकीर खींचना उचित है ? (संजय कुमार मिश्रा, सूचना के अधिकार और उपभोक्ता मामलों के कर्मठ कार्यकर्ता,  पत्रकार  हैं)   

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और संपादकीय ख़बरें