डेराबस्सी, कृतिका:
आधी रात को दो हिमाचली बुजुर्गों की जान पर उस समय बन आई जब वह रास्ता भटकर दुषित पानी वाले चौ (नाले) की दलदल में गाड़ी सहित फंस गए। सुनसान जगह पर रात को चौ में फंसे बुजुर्गों की मदद के लिए काफी देर तक कोई नहीं आया। डेराबस्सी के कुछ युवकों ने जब बुुजुर्गों को चौ फंसे देखा तो वह उनकी मदद के लिए आए। कई घंटों की मशक्कत के बाद उनकी गाड़ी को टोह करके दलदल से बाहर निकाला गया। लेकिन कुछ देर रात डेराबस्सी फायर ब्रिगेड के मुलाजिम भी बुजुर्गों को रेसक्यू करने पहुंच गए, जिन्होंने युवकों की मदद कर बुजुर्गों को गाड़ी सहित बाहर निकाला। लेकिन वापस जाते समय फायर ब्रिगेड की गाड़ी बंद हो गई जो काफी मशक्कत करने के बाद भी स्टार्ट नहीं हुई। सारी रात गाड़ी वहीं पर खड़ी रही और दो कर्मचारी उसकी देखरेख करते रहे।
दो बुजुर्ग ओमनी वैन में सवार होकर शिमला से दिल्ली जा रहे थे। रास्ते में भांखरपुर के नजदीक जाम लगा होने के कारण किसी व्यक्ति ने उनको रेलवे लाइन के नीचे बने आरजी रास्ते से निकलने की सलाह दी। रात के अंधेरे में अंजान होने के कारण बुजुर्ग गलत रास्ते पर चले गए और चौ में काफी दूर जाकर उनकी गाड़ी दलदल में फंसकर बंद हो गई। उस जगह पर घना अंधेरा होने के कारण बुजुर्ग करीब आधा घंटा वहां मदद का इंतजार करते रहे। इस दौरान डेराबस्सी निवासी अमनजीत सिंह, कमलजीत सिंह, प्रीत गोगिया, साहिल गुलाटी, अंशु अरोड़ा, मंदीप सिंह मनी, अजय उस रास्ते से निकल रहे थे, जिन्होंने चौ में फंसे बुजुर्गों को बाहर निकालने की कोशिश शुरु कर दी। सूचना मिलने के बाद फायर स्टेशन से कर्मचारी और पुलिस मुलाजिम भी मौके पर पहुंचे। चौ के पानी में गाड़ी फंसने की सूचना मिलने के बाद मदद के लिए और भी कई लोग वहां पहुंच गए।