राज सदोष/ अबोहर
श्री तारक गुरु जैन ग्रंथालय के वरिष्ठ विचारक श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को पत्र लिखकर जैन समुदाय के पर्युषण महापर्व की अवधि के दौरान बूचडख़ानों के संचालन और मांस, मछली के क्रय-विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अहिंसा प्रधान संस्कृति है। इस संस्कृति को जैन समुदाय व्यापक रुप से पल्लवित करता है। इस पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने उक्त मांग पर कार्रवाई के लिये वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं।
डॉ. पुष्पेन्द्र ने बताया कि इस वर्ष पर्युषण महापर्व 24 अगस्त से प्रारम्भ होंगे जो कि 31 अगस्त 2022 को संवत्सरी महापर्व के साथ संपन्न होंगे। देश-विदेश में पर्युषण पर्व तपस्या, अहिंसा और क्षमा की आराधना के साथ मनाया जाता है।
विश्व जैन संगठन (पंजाब चैप्टर) के पं्रातीय संयोजक डॉ संदीप जैन ने बूचडख़ानों को बंद करने और जैन त्योहार पर्व पर्युषण के बाद संवत्सरी, विश्व क्षमा दिवस और अहिंसा पर नॉन वेज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी करने के लिए हरियाणा सरकार का धन्यवाद किया है। संगठन ने पंजाब सरकार से भी इस तरह के आदेश जारी करने के लिए जैनियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के राजा, राणा और मुगल शासक भी पर्युषण के दिनों में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाते थे। वर्तमान में भी कई राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय भी पर्युषण पर्व व संवत्सरी महापर्व पर पशु-वध और मासाहार के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
इधर विश्व जैन संगठन (पंजाब चैप्टर) के पं्रातीय संयोजक डॉ संदीप जैन ने बूचडख़ानों को बंद करने और जैन त्योहार पर्व पर्युषण के बाद संवत्सरी, विश्व क्षमा दिवस और अहिंसा पर नॉन वेज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी करने के लिए हरियाणा सरकार का धन्यवाद किया है। संगठन ने पंजाब सरकार से भी इस तरह के आदेश जारी करने के लिए जैनियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने का आग्रह किया है।