दो बार टली मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंग, चीफ इंजीनियर के वउ 14 से 8 करना है मुख्य एजेण्डा
फेस2न्यूज/चण्डीगढ़
पंजाब में सत्ता बदलने के साथ पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बरती गई वित्तीय गड़बडिय़ों और अनियमितताओं की जॉंच के अलावा विभागों की ओवरहॉलिंग की कवायद भी जारी है। अवैध माइनिंग के कारण सुर्खियों में रहे पंजाब सिंचाई विभाग (पंजाब जल संसाधन विभाग) की कमान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तेज-तर्रार सीनियर आई.ए.एस. अधिकारी कृष्ण कुमार को सौंपकर उन्हें प्रिंसीपल सेक्रेटरी के अहम पद पर तैनाती दी है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि कृष्ण कुमार ने सिंचाई विभाग का दायित्व संभालते ही महकमे की कार्यप्रणाली तथा सेवाओं में व्यापक सुधार करने हेतू सारे सरकारी कार्य तथा सेवाओं को डिजीटल रूप में शुरू किया है।
रि-स्ट्रक्चरिंग में उनकी टॉप प्रियोरिटी चीफ इंजीनियरों के पदों को 14 से कम करके पहले की ही भांति 8 करना है,जिसमें 6 पोस्टें पंजाब सिंचाई/जल संसाधन विभाग में तथा 01 -01 पोस्ट रणजीत सागर डैम शाहपुर कण्डी और भाखड़ा डैम प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर की शामिल है।यद्धपि, पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा अनावश्यक तौर पर सृजित किए गए चीफ इंजीनियर के पदों में कटौती का मसौदा तैयार करके मुख्यमंत्री भगवान मान की अध्यक्षता में दो मीटिंग बुला चुके हैं,पर जुलाई तथा अगस्त महीने में रखी गई उक्त बैठक दोनों बार टल गई।
यहां तक कि दफ्तरों में अफसरों तथा बाबुओं की हाजिरी यकीनी बनाने के लिए उनकी उपस्थिति भी डिजीटल तौर से एम.सेवा ऐप पर लगानी शुरू की है। इसी कड़ी में महकमे की ओवरहॉलिंग के लिए जहां छोटे से छोटे स्तर के कर्मचारी से लेकर बड़े से बड़े अफसरों की पोस्टिंग एवं ट्रांसफर्ज को प्रिंसीपल सेक्रेट्री खुद मॉनीटर कर रहे हैं, वहीं वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा कैप्टन के मुख्यमंत्रित्व काल में अपने चहेतों को कायदे-कानूनों को दरकिनार करके अनावश्यक लाभ पहुंचाने के मकसद से सृजित किए गए पदों की समीक्षा- यानि रि-स्ट्रक्चरिंग ऑफ पोस्टस की कोशिशों में भी जुटे हैं।
रि-स्ट्रक्चरिंग में उनकी टॉप प्रियोरिटी चीफ इंजीनियरों के पदों को 14 से कम करके पहले की ही भांति 8 करना है,जिसमें 6 पोस्टें पंजाब सिंचाई/जल संसाधन विभाग में तथा 01 -01 पोस्ट रणजीत सागर डैम शाहपुर कण्डी और भाखड़ा डैम प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर की शामिल है।यद्धपि, पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा अनावश्यक तौर पर सृजित किए गए चीफ इंजीनियर के पदों में कटौती का मसौदा तैयार करके मुख्यमंत्री भगवान मान की अध्यक्षता में दो मीटिंग बुला चुके हैं,पर जुलाई तथा अगस्त महीने में रखी गई उक्त बैठक दोनों बार टल गई।
पहली बार जुलाई में मुख्यमंत्री भगवंत मान की शादी के चलते तथा दूसरी बार रखी गई यही बैठक मुख्यमंत्री के कोरोना पॉजिटिव आ जाने के कारण टल गई और अभी तक यह बैठक नहीं हो पाई है।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो प्रिंसीपल सेक्रेट्री तो रि-स्ट्रक्चरिंग को अमलीजामा पहनाने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं, पर 14 पोस्टों के दम पर जल्दी चीफ इंजीनियर बनने का सपने देखने कुछ हाई-प्रोफाइल सुपरिन्टैन्डिंग इंजीनियर (एस.ई.)अपने राजनीतिक आकांओं के कथित रसूख के चलते रि-स्ट्रक्चरिंग को सिरे नहीं चढऩे दे रहे हैं।