फेस2न्यूज/ चण्डीगढ़ :
सेक्टर 21 की विवादग्रस्त कोठी नंबर 137 की खुली नीलामी करके प्राप्त राशि को समान रूप से उसके हिस्सेदारों में बांट दिया जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने विवाद का निपटारा करते हुए नीलामी करने के आदेश जारी किए जिसपर उक्त 13 मरले के इस तीन मंजिला मकान की खुली नीलामी 11 सितम्बर को निर्धारित की गई है। कोर्ट द्वारा यह नीलामी इस मकान के सामने ही रखी गई है। इस मकान में 4 हिस्सेदार हैं।
कोर्ट ने इस घर की नीलामी की जिम्मेदारी अधिवक्ता गगनदीप गोयल को दी है। इस सम्पदा के 50% के हिस्सेदार उमेश जैन ने बताया कि उन्होंने यहाँ कुछ हिस्सा वर्ष 2020 में बाकी हिस्सेदारों की सहमति से ख़रीदा था। उन्होंने बताया कि यहाँ 50% हिस्सा बड़े शौक से यह सोच कर ख़रीदा था के शहर के बीचो-बीच इस 13 मरला कार्नर के मकान में जीवन व्यापन करेंगे, लेकिन बाद में अन्य हिस्सेदारों के साथ कुछ आपसी विवादों के कारण एक ही घर में रहना संभव न हो सका, जिस कारण मामला कोर्ट में चला गया।
इस मामले की उमेश जैन की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता ऋषभ बजाज ने बताया कि चंडीगढ़ में सेक्टर 1 से सेक्टर 30 तक का हैरिटेज दर्जा होने के कारण इन सेक्टर्स में आवासीय क्षेत्रों में फ्लोरवाईस हिस्से बेचने पर पाबंदी लगाई हुई है।
यह पाबंदी रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन बनाम यूटी चंडीगढ़ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद लगाई गई थी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों में यह भी कहा गया है कि यदि इन सेक्टरों में हिस्सेदारों में अपने-अपने हिस्से को लेकर किसी भी प्रकार का कोई विवाद अथवा झगड़ा है तो उस संपत्ति को बेचकर उसे समान रूप से हिस्सेदारों में बांट दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि कुछ अर्से से इन सेक्टरों में फलोरवाईस मकान बिकने शुरु हो गये थे। इसको लेकर कुछ लोगों ने रोष जताना शुरु किया था। इन लोगों की यह दलील थी कि ऐसा कर ये ये लोग ली-कार्बूजिए की विरासत से छेड़छाड़ कर रहे हैं। जिस पर उपरोक्त आदेश जारी किए गये थे।