फेस2न्यूज /शिमला
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गुरुवार को यारोज में भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा के 2025 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने युवा अधिकारियों से संवैधानिक मूल्यों, ईमानदारी और पेशेवर उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया, ताकि वे देशभर में लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा द्वारा स्थापित उच्च मानकों के सच्चे संरक्षक बन सकें।
राज्यपाल ने अधिकारियों से मर्यादा बनाए रखने तथा ज़मीनी स्तर पर वित्तीय जवाबदेही और रिपोर्टिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर संवाद बनाए रखने का आग्रह किया।
राज्यपाल ने सीएजी के संवैधानिक महत्त्व पर कहा कि यह संस्था सबसे महत्त्वपूर्ण संवैधानिक संस्थानों में से एक मानी जाती है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को बताया कि अब वे ऐसे संगठन से जुडे़ हैं, जो सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा करता है और प्रशासन में वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भूटान और मालदीव के अधिकारी भी शामिल हैं।
श्री शुक्ल ने 21वीं सदी में सतत् सीखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ज्ञान और अनुकूलन क्षमता ही पेशेवर उत्कृष्टता की कुंजी हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से अकादमी के संसाधनों का भरपूर उपयोग कर अपनी बौद्धिक और व्यावसायिक क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर एक काॅफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
राष्ट्रीय लेखा एवं लेखा परीक्षा अकादमी के महानिदेशक एस. आलोक ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को शपथ भी दिलाई। निदेशक पुष्पलता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) पुरुषोत्तम तिवारी, प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हक़दारी) सुशील कुमार ठाकुर, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।