पंचकूला, फेस2न्यूज:
वैश्विक महामारी कोरोना से जहां सारा देश ग्रस्त है, वहाँ सामाजिक संस्था चंद्रशेखर आजाद चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष सौरव चौधरी ने आशंका व्यक्त की है कि अगले 2 महीने में देश में रक्तदान की भारी कमी हो सकती है। कोरोनावायरस से बहुत से लोग घर से बाहर निकलने में जहां भयभीत हैं, वहीं रक्तदान करने में भी कदम रुक से गए हैं। इसी कारण से कोरोना के विभिन्न बंदिशों के कारण रक्तदान शिविर का आयोजन कम हो रहा है। दूसरी तरफ जहां 1 मई से देश में चल रहे कोरोना वैक्सीन के अभियान में 18 से 45 साल के लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने का देशभर में अभियान शुरू हुआ हैं। इसी दौरान इस उम्र के बहुत से लोग नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं तथा देश के 80% से अधिक रक्तदान के मांग को भी पूरा कर रहे हैं। लेकिन कमी का यही कारण देखा जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के लगाने के 1 महीने बाद तक कोई भी व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता। ऐसी अवस्था में स्विव विभाग का दिशानिर्देश है कि दोनों डोज लेने वाले व्यक्ति 3 महीने तक रक्तदान नहीं कर सकते। पूरे देश के ब्लड बैंक में 3 से 4 महीने तक रक्त की भारी कमी की होने की आशंका है, यहाँ विकेट स्थिति पैदा हो सकती है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष सौरव ने इस आशंका ज़ाहिर करते हुए कहा कि दुर्घटना में घायल, डायलिसिस, थैलेसीमिया मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं को रक्त की ज़रूरत में पूरी कमी हो सकती है। यह एक प्रदेश की नहीं बल्कि पूरे देश की भयंकर स्थिति हो सकती है। इस भयंकर स्थिति के कारण 18 से 45 उम्र के युवाओं से अपील है की की पहले रक्तदान कर फिर वैक्सीन की पहली डोज लें, जिससे कि इस भयंकर स्थिति से कुछ हद तक निपटा जा सकता है।