चण्डीगढ़, फेस2न्यूज:
पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविशंकर झा व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण पल्ली की खंडपीठ ने CWP-PIL No. 175 of 2020 (O&M) में आदेश जारी कर पंचकूला नगर निगम व हरियाणा सरकार के कई अधिकारियों को जरूरी कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। अधिकारियों ने इन आदेशों का आज तक भी पालन नहीं किया।
याचिकाकर्ता अमरजीत सिंह ने अपने अधिवक्ता मनदीप सज्जन के माध्यम से दायर उपरोक्त याचिका में दावा किया था कि पंचकूला जिला में मौजूद गैस गोदामों में एन. बी. सी. 2016 अनुसार ना तो आग से बचाव के प्रबंध किए गए हैं और न ही नगर निगम व सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए गए हैं। इसलिए अगर कोई अग्नि कांड हो जाए तो बचाव मुश्किल हो सकता है।
याचिकाकर्ता अमरजीत सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दायर उपरोक्त याचिका में पंचकूला जिला में मौजूद गैस गोदामों को प्रतिबंधित करने सील करने हेतु आवेदन किया है।
उपरोक्त जनहित याचिका में हरियाणा सरकार की ओर से अडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बल्यान ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से 23.06.20 व 31.07.20 को दिए कानूनी नोटिस और 01.09.20 दिए पत्र पर कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि चण्डीगढ़, पंचकूला मोहाली सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में भयंकर अग्निकांड हो चुके हैं। इन दुर्घटनाओं में करोड़ों की संम्पत्ति की हानि के साथ साथ बच्चे, जवानों व बजुर्गों को जान गवानी पड़ी है।
याचिकाकर्ता ने इस सम्भावित नुकसान से बचाने के लिए नगर निगम व हरियाणा सरकार के अधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई ।
अधिवक्ता मन्दीप सज्जन की ओर से दिनांक 01.07.20 भेजे गए कानूनी नोटिस के जबाव में स्टेशन फायर ऑफिसर पंचकूला नगर निगम ने पत्र क्रमांक 10176 / SFO दिनांक 20.07.20 लिखा। इस पत्र में एस . एफ. ओ. ने बताया कि जाँच पड़ताल करने के बाद पाया गया कि पंचकूला में मौजूद निम्नलिखित गैस एजेंसियों ने कानून के अनुसार अग्निशमन प्रबन्ध नहीं किए व ना ही इनके पास सरकारी अनापत्ति प्रमाण पत्र है।
उपरोक्त जाँच पड़ताल में गैस एजेंसियों की गैरकानूनी हरकतों की सच्चाई पता चलने पर भी सरकार ने कोई भी कार्यवाही नहीं की तो मजबूर हो कर अमरजीत सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
याचिका में हरियाणा सरकार की ओर से अडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बल्यान ने उच्च न्यायालय में कहा था कि याचिकाकर्ता की ओर से दिनांक 23.06.20 व 31.07.20 को दिए कानूनी नोटिस और 01.09.20 दिए पत्र पर कार्यवाही की जाएगी।
याचिका कर्ता अमरजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से अडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बल्यान के माध्यम से उच्च न्यायालय में किए वायदे के बावजूद भी आज तक सही कार्यवाही नहीं हुई । यह तो उच्च न्यायालय के साथ भी धोखा है, उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। अमरजीत ने कहा कि अगर 15 दिन में सही कार्यवाही नहीं हुई तो वे नगर निगम पंचकूला के अधिकारियों के साथ साथ हरियाणा सरकार के कई आई ए एस अधिकारियों के खिलाफ उच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय को धोखा देने व उनके आदेशों की अवहेलना करने का मामला दायर कर सकते हैं।