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राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त को हाई कोर्ट ने लगाया 5000 रूपये का जुर्माना

September 05, 2022 09:56 AM

- संजय मिश्रा
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त पर 5000 रूपये का जुर्माना लगाया है और ये ताकीद की है कि इस रकम को सम्बंधित ऑफिसर से रिकवर किया जाए जिसने आवेदक की अपील को बिना अपना विवेक इस्तेमाल किये ख़ारिज कर दिया।
अक्सर ये सुना जाती है कि सूचना आयुक्त ने सूचना अधिकार कानून के तहत दाखिल शिकायत या अपील पर आमजन से नाइंसाफी करते हुए लोक सूचना अफसर के पक्ष में फैसला कर देते है। कई बार तो ऐसा भी देखने एवं सुनने को मिलता है कि सूचना आयुक्त ने कानून से परे जाकर लोक सूचना अफसर को फायदा पहुंचाने के मकसद से आवेदक की अपील या शिकायत को ही ख़ारिज कर दिया। सूचना आयुक्त द्वारा अपने विवेक के इस्तेमाल ना करने की भी शिकायत सुनने को मिलती है, तो कही आमजन सूचना आयुक्त द्वारा कानूनी प्रावधान से बेखबर होने की भी बातें की जाती है।
क़स्बा जैठारी जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश निवासी विक्की वर्मा की अपील को मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त डी पी अहिरवार ने 14 सितम्बर 2021 को ख़ारिज कर दिया। अपने निर्णय में सूचना आयुक्त ने कहा कि आवेदक ने अपनी अपील के साथ कोर्ट फ़ीस जमा नहीं कराई बल्कि कोर्ट फ़ीस की माफ़ी के लिए बीपीएल कार्ड की फोटोकॉपी जमा की है वो भी सम्बंधित अधिकारी द्वारा इसकी वैधता सत्यापित नहीं की गई है, इसलिए अपील ख़ारिज की जाती है।
सूचना आयुक्त के इस आदेश के खिलाफ विक्की वर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दी और कहा कि अगर बीपीएल कार्ड सत्यापित नहीं था तो भी नियमतः सूचना आयुक्त ओरिजिनल बीपीएल कार्ड देखने को मांग सकते थे या ओरिजिनल बीपीएल कार्ड की अनुपस्थिति में अपील की फ़ीस जमा कराने को समय दे सकते थे, लेकिन कानून से बेखबर सूचना आयुक्त ने मेरी अपील ही ख़ारिज कर दी जो कि मेरे साथ अन्याय है।
सूचना आयोग की तरफ से पेश अधिवक्ता जय शुक्ला ने भी हाई कोर्ट के सामने माना कि सूचना आयुक्त को पहली नजर में अपील ख़ारिज नहीं करके आवेदक से या तो बीपीएल कार्ड की ओरिजिनल कॉपी मांगते या कोर्ट फ़ीस जमा करने को समय देते जो कि सामान्य न्याय की एक मांग भी है।
जस्टिस विवेक अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि:
1- उपरोक्त बहस के आलोक में सूचना आयुक्त के 14 सितम्बर 2021 के निर्णय को ख़ारिज किया जाता है।
2- आवेदक को हिदायत दी जाती है कि वो 15 दिनों के अंदर सत्यापित बीपीएल कार्ड की कॉपी सूचना आयोग में जमा कराये या अपील की फ़ीस जमा करे।
3- मुख्य सूचना आयुक्त को आदेशित किया जाता है कि आवेदक की अपील डी पी अहिरवार के समक्ष लिस्टिंग नहीं करके किसी दूसरे सूचना आयुक्त के पास लिस्ट किया जाए ताकि उस अपील पर दुबारा नए तरीके से सुनवाई की जा सके।
4- मुख्य सुचना आयुक्त को आदेशित किया जाता है कि वो 5000 रूपये का जुर्माना कोर्ट में जमा कराये एवं इस जुर्माना राशि की भरपाई/ रिकवरी सम्बंधित अधिकारी से किया जाये।
(मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर बेंच, रिट पिटिशन संख्या 19108 ऑफ 2022 आर्डर दिनांक 01-09-2022)

 
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