ENGLISH HINDI Sunday, June 15, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
पंजाब पुलिस यूट्यूबर कंचन तिवारी के तीसरे कातिल को शीघ्र गिरफ्तार करे : लक्ष्मीकांता चावलागौमाता को राष्ट्र माता घोषित करवाने के अभियान के तहत चण्डीगढ़ में भी बनाएंगे गौ-मतदाता : शैलेन्द्र योगीराज सरकारपिंजौर अमरावती हत्याकांड में एक आरोपी गिरफ्तार, वारदात के बाद पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाईमलोया थाना पुलिस द्वारा झगडे व मारपीट के मामले में पीड़ित महिला व आरोपी पक्ष को शाम के समय थाने बुलाने पर विवादसांसद मनीष तिवारी के कार्यकाल का एक साल पूरा, भव्य समारोह में ममता डोगरा ने दिया मांग पत्रभारत सरकार के लघु उद्योग सचिव ने फाजिल्का के उद्योगपति को सम्मानित कियासपना साकारः एनडीए में मिला 154वां रैंक, एकनूर होगा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंटअच्छी खबरः फिरोजपुर को मिलेंगी हरिद्वार और नांदेड़ जाने को साप्ताहिक एक्सप्रेस दो नई रेल गाड़ियां
कविताएँ

आखिरी ख्वाईश

March 23, 2018 05:38 PM

— शिखा शर्मा

आखिरी खत की आखिरी ख्वाईश
देश के उस वीर जवान की
क्रांति की लहर जगा कर
युवा-युवा में जोश की ज्वाला जला कर
कहा उसने हंसकर
अंगारों पर चलने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

स्वाभाविक है जीने की तमन्ना
साकार हो आज़ादी का सपना
बुन ली स्वतंत्रता की चादर
तान कर सीना उस चादर में
कहा उसने हंसकर
गहरी नींद सोने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

अपने ही देश में गुलामी सहना
जेल और बंद कमरों में सड़ना
इन सारी जंजीरों को तोड़कर
कहा उसने हंसकर
स्वतन्त्र सांस दिलवाने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

क्रांति की मशाल जल चुकी है
आज़ादी की लौ भड़क उठी है
फंदे की रस्सी क्या झुलाएगी मुझे
कहा उसने हंसकर
फांसी पर झूलने के लिए मैं स्वयं
अब तत्पर हूँ तैयार हूँ।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें