ENGLISH HINDI Thursday, October 16, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
आ रहे हैं वो मेरे साईं...विश्व को दिशा देने में सक्षम है ब्रह्माकुमारी मिशन : ज्ञान चंद गुप्ताहिमाचल ने जीती महत्त्वपूर्ण कानूनी लड़ाई, वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति से मिलेंगे 401 करोड़ रुपये48 घंटे में ही मुख्यमंत्री भूले स्व. वीरभद्र सिंह का सबक, 28 स्कूलों को लगाया ताला : जयराम ठाकुरप्रगतिशील किसान चौधरी विनोद ज्याणी को प्रधानमंत्री ने किया सम्मानितअंधेरे दौर में रोशनी दिखाएगा डिवाइन लाइट हाउस : डॉ शांतनुप्रधानमंत्री और संघ प्रमुख वाई पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण में दखल दें : जसपाल सिंहडीजीपी शत्रुजीत कपूर की साजिश के चलते ही एडीजीपी पूरन कुमार ने उठाया आत्महत्या का कदम : विजय कुमार चौधरी
कविताएँ

कितनी बुरी होती है.......

May 08, 2022 10:46 AM

कितनी बुरी होती है
वो नज़र
जो माँ के लाडले को
अपनों के प्रेम से निहारने से अचानक
लग जाती है
और
नमक या राई वारने से,
सात लाल मिर्च जलाने से
उतर भी जाती है।

कितनी हैरान होती है
विध माता भी
जब माँ
छठी रात को
अपने लाडले का
श्रेष्ठ भाग्य लिखने की
ज़िद करती है

कितनी स्वार्थी है माँ
जब दुःखों को
खुद पर लेकर
सुख की दुआएं देती है
सारी अलाएँ-बलाएँ
दो मुठियों में जकड़ कर
दूर झड़क देती है।

माँ फूंक मार कर
कर देती है ठीक
हर चोट का दर्द,
हथेलियां रगड़ कर
लाल दुखती आँख को
कर देती है तुरंत ठीक।

माँ कितनी बड़ी झूठी है
दर्द छुपा कर
खुद से अलग करके
भेज देती है कमाने परदेस बच्चों को
जबकि उसकी भूख
केवल बच्चे को सुकून से
भरपेट खिलाने में है
थपकी देकर सुलाने में है
डाँट कर सुबह उठाने में है।

माँ कितनी बड़ी ड्रामेबाज है
गुस्से का नाटक करती है,
हँसने के मौकों पर भी
पल्लू भिगोती है।

माँ बेमकसद रोती है
बेवजह झगड़ती है
बेइंतहा चिल्लाती है
कितनी बक बक करती है।

अंत में
जब बच्चों को अपनी बचपन की फ़ोटो
उसकी आखिरी सांस के बाद
उसके तकिये के नीचे मिलता है
तो उन्हें समझ आता है
माँ का होना क्या होता है
माँ का न होना क्या होता है!!!

- मीनाक्षी आहूजा

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें