ENGLISH HINDI Saturday, December 13, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स ने पीएचएचपी एंड सी निदेशालय के तहत ओवरऑल चैम्पियनशिप जीतीभाखड़ा बांध संग्रहालय में लगेगी सर छोटू राम की प्रतिमा, बीबीएमबी ने दिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देशएसआईएफ-चण्डीगढ़ ने अतुल सुभाष के लिए मोमबतियाँ जलाकर वीरांजलि का आयोजन कियाएम. डी. इलेवन की टीम ने चेयरमैन इलेवन को पराजित कियाएक साल से ठप प्रेस काउंसिल: क्या बिना पत्रकारों के ‘मीडिया वॉचडॉग’ चल सकता है?पुष्पक सोसायटी में पेड़ों की कटाई के मामले में पुलिस ने की डीडीआर दर्ज गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित लाइट एंड साउंड शो का आयोजनजीरकपुर की बेटी अनन्या ने राष्ट्रीय खेलों में तीन पदक जीतकर शहर का मान बढ़ाया
कविताएँ

बड़ी बेचैन करती हैं सभी यादें वो बचपन की.....

October 28, 2025 09:35 AM

                         ग़ज़ल

बड़ी बेचैन करती हैं सभी यादें वो बचपन की
मुझे सोने नहीं देती कभी यादें वो बचपन की

अकेला मैं नहीं रहता कभी तन्हाइयों में भी
मेंरे तो साथ रहती हैं सदा यादें वो बचपन की

कभी जब मैं लगूं रोने नमी आंखों में आ जाए
गले मुझ को लगाती हैं यही यादें वो बचपन की

कभी जो साथ पढ़ते थे मिलें जब बाद मुद्दत के
चली आतीं उन्हीं के साथ सब यादें वो बचपन की

उदासी जब कभी घेरे उड़ा दे नींद रातों की
मुझे लोरी सुनाती हैं मेरी यादें वो बचपन की

मेरे साथी सभी बिछुड़े कभी मिलने नहीं आते
मगर मां से मिलाती हैं मुझे यादें वो बचपन की

गमों का बोझ बढ़ जाए परेशानी सताए जब
सहारा मुझको देती हैं मेरी यादें वो बचपन की

गया जिस दिन ज़माने से अकेला मैं न जाऊंगा
मेरे तो साथ जाएंगी सभी यादें वो बचपन की

                 - मनमोहन सिंह 'दानिश'

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें