ENGLISH HINDI Saturday, October 18, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
असम में पत्रकारों पर हमलों को लेकर प्रेस एम्बलम कैंपेन ने जताई गहरी चिंता, दोषियों पर कार्रवाई की माँगरयात बाहरा विश्वविद्यालय में निवेशक जागरूकता कार्यक्रम ने छात्रों को सशक्त बनायाआ रहे हैं वो मेरे साईं...विश्व को दिशा देने में सक्षम है ब्रह्माकुमारी मिशन : ज्ञान चंद गुप्ताहिमाचल ने जीती महत्त्वपूर्ण कानूनी लड़ाई, वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति से मिलेंगे 401 करोड़ रुपये48 घंटे में ही मुख्यमंत्री भूले स्व. वीरभद्र सिंह का सबक, 28 स्कूलों को लगाया ताला : जयराम ठाकुरप्रगतिशील किसान चौधरी विनोद ज्याणी को प्रधानमंत्री ने किया सम्मानितअंधेरे दौर में रोशनी दिखाएगा डिवाइन लाइट हाउस : डॉ शांतनु
एस्ट्रोलॉजी

किसान आन्दोलन और कोरोना 12 अप्रैल, 2022 तक रहेंगे प्रभावी

November 22, 2021 10:55 AM

- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
जैसे ही गुरु ग्रह ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया, प्रधान मंत्री ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी। परंतु अभी गुरु, शनि की राशि में ही 12 अप्रैल तक विराजमान रहेंगे। यदि हम यह समझें कि किसान आंदोलन समाप्त हो गया है और कोरोना चला गया है, तो ये हमारी बड़ी भूल होगी। कोरोना और कृषक 2021 में अधिक सक्रिय रहे और कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया क्योंकि आकाशीय कौंसिल में दो बड़े ग्रहों, गुरु और शनि की युगलबंदी चल रही थी। अभी ये दोनों 12 अप्रैल तक सीधे या अप्रत्यक्ष रुप से कोहराम मचाते रहेंगे। यदि आप क्रियात्मक रुप से देखें तो विश्व के कितने ही देशों में कोराना ने सांप की तरह एक बार फिर फन उठा लिया है। भारत में बेशक तीसरी लहर से हम बचे रहे परंतु डेंगू के डंक से नहीं बच पाए। किसान आंदोलन में हाथी निकल गया पर न्यूनतम मूल्य की पूंछ रह गई जिसका जिक्र अप्रैल 2022 तक चलता रहेगा जब तक गुरु अपनी ही राशि मीन में नहीं आ जाते।
मजे की बात तो यह है कि नए संवत 2079, जो 2 अप्रैल, 2022 को आरंभ होने जा रहा है, उसमें भी पंचागानुसार राजा शनि होंगे और मंत्री गुरु रहेगे यानी इनकी युगलबंदी चुनावों में नए समीकरण बना कर सरकारें बनाएंगी।
मेदनीय ज्योतिष अर्थात लोक भविष्य में ग्रहणों के प्रभावों को बहुत महत्व दिया जाता है। अभी 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण, 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण के बीच बहुत कम अवधि होने के कारण, और गुरु के राशि परिवर्तन के फलस्वरुप बहुत अधिक स्मॉग ,ठंड, धुंध,वर्षा, जल प्रलय, भूकंप, समुद्री तूफानों, प्राकृतिक आपदाओं की पुनरावृति से इंकार नहीं किया जा सकता और सरकारों को आपदा प्रबंधन की दिशा में मुस्तैद रहना चाहिए।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
जीरकपुर ज्योतिष सम्मेलन में लोगों ने जाना समस्याओं का समाधान ज्योतिष सम्मेलन में कुंडली दिखाने उमड़े लोग, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य नवदीप मदान सम्मनित नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ? इस वर्ष रक्षा बंधन, किस दिन मनाएं ? श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व : स्वामी सुन्दर लाल भार्गव