चंडीगढ़/जीरकपुर, संजय कुमार मिश्रा:
आर टी आई आवेदन का ना तो जवाब दिया और ना ही सुनवाई में सूचना आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ, पंजाब सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून को हलके में लेने पर जीरकपुर तहसीलदार दफ्तर के लोक सूचना पर 5000 रूपये का जुर्माना लगाया है और मोहाली के उपायुक्त को आदेशित किया है कि इस जुर्माने की राशि को सम्बंधित लोक सूचना अफसर के वेतन से काटकर सरकारी खजाने में जमा कराया जाय एवं इसकी रिपोर्ट पंजाब सूचना आयोग को प्रेषित किया जाए।
जीरकपुर निवासी रजनीश भरारा ने जीरकपुर तहसील कार्यालय से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कुछ जानकारी मांगी थी, जिसे तहसील के लोक सूचना अफसर ने उपलब्ध नहीं करवाई। — आरटीआई का जवाब नहीं दिया, बार—बार बुलाए जाने पर सुनवाई में हाजिर नहीं हुआ
मामला प्रथम अपील में गया, वहां से भी वांछित सूचना नहीं मिली, मामला पंजाब सूचना आयोग में पहुंचा, आयोग द्वारा कई बार बुलाने के बावजूद भी तहसीलदार जीरकपुर के लोक सूचना अफसर आयोग में उपस्थित नहीं हुए। अपील केस संख्या 2676 ऑफ़ 2023 पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त ए पी एस सेखों ने आदेश पारित करते हुए कहा कि बार बार बुलाने के बावजूद भी जीरकपुर तहसीलदार कार्यालय के लोक सूचना अफसर ना तो आयोग में उपस्थित हुए और ना ही मांगी गई जानकारी आवेदक को उपलब्ध कराई, इससे साबित होता है कि प्रतिपक्षी ने सूचना अधिकार अधिनियम को हलके में लिया है एवं इसके प्रावधानों का जानबूझकर उल्लंघन किया है, इसलिए कानून के तहत 25000 रूपये के जुर्माने का भागी है। लेकिन आयोग प्रतिपक्षी को एक और मौका देते हुए और नरमी दिखाते हुए अभी 5000 रूपये का जुर्माना आरोपित पर आदेशित करती है। 13 मार्च को अगली सुनवाई में वांछित सूचना के साथ हाजिर हो।
मोहाली के उपायुक्त को इस आदेश की प्रतिलिपि भेजकर कहा गया है कि 5000 रूपये का जुर्माना लोक सूचना अफसर के वेतन से काटकर सरकारी खजाने में जमा कराया जाये एवं आयोग को इस बारे में सूचित किया जाए।