ENGLISH HINDI Saturday, October 25, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
लव जिहाद, धर्मांतरण एवं गौ-हत्या आदि विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक समस्याओं पर चर्चामहिला क्रिकेट विश्वकप: भारत अंतिम चार में, पर अपनी खामियों पर ध्यान देना होगाहिमाचल ने आम जनता की सुविधा के लिए पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह की बुकिंग को किया ऑनलाइन: मुख्यमंत्रीचण्डीगढ़ के सभी संत एवं धार्मिक हस्तियां 24 को एक मंच पर राष्ट्रीय उपभोक्ता न्याय प्रणाली ई-जागृति पोर्टल की राष्ट्रव्यापी प्रणालीगत विफलताश्री हनुमंत धाम में श्री हनुमान जयंती उत्सव 24 सेएम.एम. क्रिकेट अकादमी और कुरुक्षेत्र जिला क्रिकेट अकादमी ने अपने लीग मैच जीते श्री विश्वकर्मा मंदिर सुधार सभा, चण्डीगढ़ द्वारा विश्वकर्मा पूजा दिवस पर भव्य शोभा यात्रा
धर्म

हर काम में धार्मिक जागरुकता जरूरी : श्री मन्माधव गौड़ेश्वर वैष्णव आचार्य श्री पुण्डरीक गोस्वामी

November 18, 2024 07:37 PM

श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज के साथ ब्रज रस कथा की शुरु

फेस2न्यूज /
पंचकूला,

वृंदावन के श्रीमद माधवगोविंदेश्वर वैष्णवाचार्य पूज्यपाद श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में आज बहुप्रतीक्षित ब्रज रस कथा शुरू की गई, जो भक्तों के दिल और दिमाग को लुभा रही है। इन प्रवचनों ने भक्तों को भक्ति कथा और संगीत के माध्यम से वृंदावन की एक आत्मिक यात्रा पर ले गया, जिसमें रेणु (ब्रज राज), वेणु (बांसुरी), धेनु (गाय), श्री कृष्ण और श्री राधा के दिव्य विषयों की खोज की गई, जिससे हमारी आध्यात्मिक विरासत के प्रति ज्ञान के साथ एक गहरा संबंध विकसित हुआ।

इस मौके श्री मन्माधव गौड़ेश्वर वैष्णव आचार्य श्री पुण्डरीक गोस्वामी ने मकान नंबर 1111, सेक्टर 7, पंचकुला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि हर काम में धार्मिक जागरुकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक पत्रकारिता होना भी बहुत जरूरी है, जिसमें आपको हर चीज का ज्ञान हो।

उन्होंने कहा कि हमें जाति के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए और किसी की सुनी हुई बात पर यकीन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में यहां 20,000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश शिक्षाविद्, डॉक्टर, वकील और विभिन्न पेशेवर हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी धार्मिक ग्रंथ पढ़ने चाहिए, जिससे हमें बहुत ज्ञान मिलता है। उन्होंने मई में दोबारा पंचकूला आने के बारे में भी बताया।

पहले दिन पवित्र ब्रज रस रेणु पर चर्चा की गई। ब्रज के दिव्य क्षेत्र में, रेणु - पवित्र ब्रज राज विनम्रता, भक्ति और दिव्य कृपा का प्रतीक है। यह श्री कृष्ण, श्री राधा और अनगिनत संतों के पदचिह्नों से पवित्र हुआ, जो गहन आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। रेणु ने समर्पण और निस्वार्थता की शिक्षा दी।

ब्रज राज की तरह जो सबके नीचे है, फिर भी सबका समर्थन करता है, इसने विनम्रता और पवित्रता को प्रेरित किया, जिससे आध्यात्मिक उत्थान हुआ। ब्रज रस कथा के माध्यम से, श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ने भक्ति और आत्म-साक्षात्कार के लिए परिवर्तनकारी ज्ञान प्रदान करते हुए रेणु के गहन पाठों को प्रकट किया।

ब्रज राज की तरह जो सबके नीचे है, फिर भी सबका समर्थन करता है, इसने विनम्रता और पवित्रता को प्रेरित किया, जिससे आध्यात्मिक उत्थान हुआ। ब्रज रस कथा के माध्यम से, श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ने भक्ति और आत्म-साक्षात्कार के लिए परिवर्तनकारी ज्ञान प्रदान करते हुए रेणु के गहन पाठों को प्रकट किया।

यह कार्यक्रम 18 से 22 नवंबर 2024 तक, शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक, पंचकूला (हरियाणा) के सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। भक्तों ने कृष्ण कथा के अमृत में डुबकी लगाई और प्रसाद के साथ सत्र का समापन किया।

इस कार्यक्रम के आयोजक हर्ष शर्मा ने आए भक्तों का धन्यवाद किया और आने वाले दिनों में लोगों से बड़ी संख्या में पहुंचने की अपील की। इस कार्यक्रम में श्री राधे कृपा परिवार ट्रस्ट पंचकूला, श्री राधा संकीर्तन मंडल पंचकूला और वैजयंती सेवा संस्था ट्रस्ट वृंदावन का भी भरपूर सहयोग रहा। इस अवसर पर रजनीश शर्मा, सुनील शर्मा, सुमित शर्मा, अनिल थापर, राकेश गुप्ता, नेमचंद और रौशन लाल भी उपस्थित रहे।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और धर्म ख़बरें
श्री हनुमंत धाम में श्री हनुमान जयंती उत्सव 24 से श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव मनाया गया आ रहे हैं वो मेरे साईं... सांसारिक सुखों में नृत्य करना और ठाकुर के लिए नृत्य करना दोनों अलग अलग सुख देता है : इंद्रेश महाराज श्री सनातन धर्म दशहरा कमेटी सेक्टर 46 के दशहरा में सोने की लंका व 101 फुट ऊँचे रावण के पुतले का दहन होगा खास आकर्षण का केंद्र हमें खुल कर भगति और ज्ञान का दान करना चाहिए : इंद्रेश महाराज तीसरे दिन कथावाचक श्री इंद्रेश महाराज जी ने शरद पूर्णिमा की असल महिमा का गुणगान किया, इंद्रेश महाराज ने भगतों को कथा सुना मंत्रमुग्घ किया और रावण सीता का हरण करके ले गया... हनुमान जी ने अपने दर्शन दे, सभी को खुश कर दिया कथा के दूसरे दिन इंद्रेश महाराज ने कथा के माध्यम से बरसाना के मोर कुटी के दर्शन करवाए