ENGLISH HINDI Thursday, November 27, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
सैन समाज 4 दिसंबर को रचेगा नया इतिहासश्री गुरू तेग बहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष पर शहीदी मार्ग यात्रा को सीआरपीपफ के जवानों ने दी सलामीकुरुक्षेत्र में श्रद्धा और संस्कृति का महासंगम, श्री गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित समागम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शिरकतप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रोच्चारण के बीच की ब्रह्मसरोवर पर सांध्य कालीन महाआरतीहिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में 26 नवंबर से, मुख्यमंत्री पहुंचे, गर्मजोशी से हुआ स्वागतआपदा प्रभावित परिवारों को घरेलू सामान के नुकसान की भरपाई के लिए मिलने वाली धनराशि 70,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाखश्री सत्य साई बाबा की 100वीं जयंती श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाईमंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच कुरुक्षेत्र में धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ
राष्ट्रीय

‘‘दिलों का रास्ता क्या ख़ाक ये गूगल बताएगा’’

April 25, 2025 09:38 AM

टांटिया यूनिवर्सिटी नर्सिंग संकाय व मोहन आलोक पुस्तकालय का कवि सम्मेलन

 श्रीगंगानगर/ राज सदोष ।

टांटिया यूनिवर्सिटी के नर्सिंग संकाय और जेआर टांटिया चेरिटेबल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की ओर से संचालित श्री मोहनआलोक पुस्तकालय के तत्वावधान में विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में खूब रंग जमा। इसमें शहर के नामवर कवियों ने एक से एक शानदार कविताओं के माध्यम से विद्यार्थियों का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम अध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसिंह राजावत, विशिष्ट अतिथि जोधपुर कृषि विश्वविद्यालयके बॉम सदस्य सुशील बोरड़, नर्सिंग संकाय के डीन डॉ. अशोक कुमार यादव व सीनियर रिलेशनशिप ऑफिसर राजकुमार जैनने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित किया।

ऋतु सिंह ‘रिदा’ का एक शे’र बहुत सराहा गया-ये अक्सर ही हमें भटका दिया करता है रस्ते से, दिलों का रास्ता क्या ख़ाक ये गूगल बताएगा। अरुण शहैरिया ‘ताइर’ ने कहा-सितम भरपूर हैं किस्मत के ये घाटे नहीं जाते, अना से जीते हैं तलवे भी तो चाटे नहीं जाते। डॉ. संदेश त्यागी ने कहा- वां लड़कों के सपनों का कत्ल दो के ही जिम्मे है, या कोई नार करती है, या फिर सरकार करती है।

 एनसीसी प्रभारी एवं कवि लेफ्टीनेंट संदीपकुमार भांभू ने पहलगाव में आतंकवादियों का शिकार बने पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी कविता सुनाकर सभी को भावुक कर दिया। सुषमा गुप्ता ‘सदा’ ने अपनी गजलों से समां बांध दिया उनके इस शे’र पर खूब दाद मिली-दूरियां भी है जरूरी इश्क में, राब्ता कुछ कम बढ़ाया कीजिए। अरुण उर्मेश ने अपनी गजलों के साथ हास्यरस की कविताओं से भी खूब हंसाया-लिखणो तो कोई खास बात कोनी हुवै, पण पढणो अर सुणाणो घणो दोरो हुवै।

ऋतु सिंह ‘रिदा’ का एक शे’र बहुत सराहा गया-ये अक्सर ही हमें भटका दिया करता है रस्ते से, दिलों का रास्ता क्या ख़ाक ये गूगल बताएगा। अरुण शहैरिया ‘ताइर’ ने कहा-सितम भरपूर हैं किस्मत के ये घाटे नहीं जाते, अना से जीते हैं तलवे भी तो चाटे नहीं जाते। डॉ. संदेश त्यागी ने कहा- वां लड़कों के सपनों का कत्ल दो के ही जिम्मे है, या कोई नार करती है, या फिर सरकार करती है।

डॉ. रामसिंह राजावत ने कहा कि पुस्तक दिवस पर यूनिवर्सिटी में कवि सम्मेलन से बेहतर कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता। इस मौके पर अतिथियों और कवियों को पुस्तकें उपहार स्वरूप दी गईं।

कार्यक्रम में दिवंगत मोहन आलोक के परिवार से पोते अणुव्रत और आर्यव्रत, डॉ. विशाल छाबड़ा, उपप्राचार्य डॉ. ज्योति अरोड़ा, वीरेंद्र गोदारा, कृष्णकुमार ‘आशु’, जयनारायण पुरोहित, सरिता शर्मा, निशांत गर्ग सहित अनेक लोग मौजूद थे।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और राष्ट्रीय ख़बरें
बिहार चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत के मायने खास खबरः 14 साल में भारत में डेंगू के करीब 27 लाख केस 1983 में घटे असम के नेली नरसंहार की सच्चाई सार्वजनिक की जाए, पीपीफए की मांग आने वाले समय में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व शांति के प्रयासों का प्रमुख केंद्र होगा: नरेंद्र मोदी अलविदा! असरानी पीस ऑडिटोरियम में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली पर्व असम में पत्रकारों पर हमलों को लेकर प्रेस एम्बलम कैंपेन ने जताई गहरी चिंता, दोषियों पर कार्रवाई की माँग प्रगतिशील किसान चौधरी विनोद ज्याणी को प्रधानमंत्री ने किया सम्मानित विश्व भर में भारत को विश्वास के साथ देखा जा रहा है: रेल मंत्री वैष्णव ब्रह्माकुमारीज़ के महासचिव बृजमोहन भाई का निधन