फेस2न्यूज /चंडीगढ़
2006 में पुनर्वास योजना के तहत सर्वे कर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में 136 लोगों को मकान देने की लिस्ट जारी की थी जो पहले प्रशासल ने सिर्फ 40 लोगों को मंजूर किया लेकिन लगातार कांग्रेस के प्रयासों द्वारा अब यह लिस्ट 70 तक पहुंच चुकी है और बाकी लोगों को छोटी मोटी कमियां निकाल कर रिजेक्ट किया गया।
महिला कांग्रेस प्रदेश सचिव एवं सोशल मीडिया स्टेट कॉर्डिनेटर ममता डोगरा ने चंडीगढ़ सांसद श्री मनीष तिवारी के नेतृत्व में डीसी निशांत यादव से कॉलोनी वासियों को साथ लेकर मिली।
डीसी यादव ने कहा शाहपुर कॉलोनी का कुछ भाग सरकारी जमीन पर आता है कुछ एग्रीकल्चर लैंड पर आता है फिलहाल झुग्गियां तोड़ने की प्रतिक्रिया सरकारी जमीन पर की जाएगी और एग्रीकल्चर लैंड को छेड़ा नहीं जाएगा लेकिन यादव जी ने साफ शब्दों में कहा एग्रीकल्चर लैंड के झुग्गी निवासियों को आवास देना उनके प्रावधान में नहीं है चाहे उनके पास पक्के दस्तावेज क्यों ना हो क्योंकि यहां पेराफेरी एक्ट लागू होता है।
वहीं ममता डोगरा ने सवाल किया अगर एग्रीकल्चर लैंड पर बनी झुग्गियों का कोई प्रावधान नहीं था तो फिर 19 साल से इनको बेवकूफ क्यों बनाया गया? इनका वोट बैंक का इस्तेमाल क्यों किया ? उनके पक्के दस्तावेज और बायोमेट्रिक सर्वे क्यों कराएं गए ?
1988 से झुग्गी निवासी यहां अपनी तीन पीढियां के साथ बैठे हैं और 2021 में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने इनको 2006 के सर्वे अनुसार एक्सेप्टेंस लेटर भी इश्यू किया तब इनको क्यों नहीं पता चला कि यहां पेराफेरी एक्ट लागू होता है?
ममता डोगरा ने बायोमीट्रिक सर्वे और पक्के दस्तावेज़ों के आधार पर शाहपुर कलौनी निवासी की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए चंडीगढ एसडीएम को गुहार लगाई कि आगामी 1 तारीख दक्षिण कोर्ट में पेशी है उन्होंने इनके आवास सुनिश्चित करने की मांग की।