जे एस कलेर, जीरकपुर
डेराबस्सी हलके के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने गुरुवार को जीरकपुर नगर परिषद के पभात क्षेत्र में हवाई अड्डे के 100 मीटर के दायरे में आते 56 निर्माणों के मालिकों को आशय पत्र वितरित किए।
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर भबात क्षेत्र में तोड़े जाने वाले प्रभावित 56 आवासीय भवनों के मालिकों को जीरकपुर नगर परिषद की ओर से आधा दर्जन नामी सोसायटियों में प्लॉट देने का प्रस्ताव दिया गया था। इस प्रस्ताव के अनुसार भबात में प्रभावित व्यक्ति को नई सोसायटियों में प्लॉट कलेक्टर रेट पर उसके प्लॉट के आकार का 75 प्रतिशत हिस्सा दिया जाना है।
सत्तारूढ दलों ने नहीं लिया संज्ञान
पंजाब में 70 साल तक सत्ता में रहे राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़े हैं और कानून के दायरे में रह कर हरसंभव लड़ाई लड़ी जाएगी। रंधावा ने कहा कि वह पंजाब के इतिहास में पहली बार लाई गई पुनर्वास योजना के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के आभारी हैं, जिन्होंने लोगों के दर्द को समझा और उनके लिए नई छत की व्यवस्था की। इस पहल के लिए डी.सी. मोहाली, एसडीएम डेराबस्सी, प्रशासन और कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर के प्रयासों की भी सराहना की।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने 2011 के बाद बने 66 निर्माणों में से 10 व्यावसायिक निर्माणों को ध्वस्त कर दिया था, जिसके बाद अब सरकार ने पुनर्वास योजना के तहत शेष 56 आवासीय निर्माणों के लिए आशय पत्र जारी कर दिए हैं।
कहां कहां मिलेंगे प्लाट
गुलनार मीडोज बल्टाना, मैक्सस अलंज़ा नगला, मैक्सस ईडन एस्टेट सिंघपुरा, सॉलिटेयर ग्रीन्स दयालपुरा, हार्मनी ग्रीन्स सुनोली और ग्रीन वैली सोसायटी नाभा में 50 से 75 गज के प्लॉट मालिकों को 50 गज, 75 से 125 गज के प्लॉट मालिकों को 75 गज और 125 गज से अधिक साइज के प्लॉट मालिकों को केवल 100 गज का प्लॉट दिया जाने है।
रंधावा ने मंत्री बलकार सिंह से की थी गुजारिश
विधायक रंधावा ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह से मुलाकात की थी और इस दौरान मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि लोगों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने नगर निकाय विभाग को उनके पुनर्वास नीति बनाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत इन लोगों का पुनर्वास किया जा रहा है। रंधावा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार किसी को भी विस्थापित नहीं करना चाहती, जबकि यह तलवार पिछले 40 साल से लटकी हुई है। अगर किसी को यहां से हटाना होगा तो उसे मुआवजा दिया जाएगा, जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र भी दिया था।
सत्तारूढ दलों ने नहीं लिया संज्ञान
पंजाब में 70 साल तक सत्ता में रहे राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़े हैं और कानून के दायरे में रह कर हरसंभव लड़ाई लड़ी जाएगी। रंधावा ने कहा कि वह पंजाब के इतिहास में पहली बार लाई गई पुनर्वास योजना के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के आभारी हैं, जिन्होंने लोगों के दर्द को समझा और उनके लिए नई छत की व्यवस्था की। इस पहल के लिए डी.सी. मोहाली, एसडीएम डेराबस्सी, प्रशासन और कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर के प्रयासों की भी सराहना की।