फेस2न्यूज/ फाजिल्का
भारत-पाक सरहद के साथ लगते गांव में बाढ़ के पानी में घिरे 295 बाढ़ पीड़ितों को बठिंडा से आई गोताखोरों की एनडीआरएफ की टीम ने नाव द्वारा और कई स्थानों पर तैरकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। फोर्स की टीम के कमांडर इंस्पेक्टर कन्हैया लाल और आशीष कुमार के नेतृत्व में 24 जवानों द्वारा गांव गट्टी यारू में सराहनीय कार्य करते बाढ़ पीड़ितों में खाने-पीने का सामान भी बांटा।
बीओपी पत्तन के जवानों ने मुहार जमशेर गांव में बचाव अभियान शुरू करके इस भावना का उदाहरण पेश किया है। पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिरा होने के बावजूद, बीएसएफ कर्मियों ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग निवासियों सहित कमजोर व्यक्तियों को निकालने के लिए अथक प्रयास किया है।
इसी बीच, बीएसएफ की 66वीं बटालियन, कमांडेंट श्री अरुण कुमार वर्मा और उनकी टीम के अधिकारी, श्री एम.एस.रंधावा, 2आईसी, डीसी श्री सुरिंदर कुमार भोटा, विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं।
बाढ़ के पानी में सीमा चौकियों और आस-पास के गांवों के डूबने के साथ, बीएसएफ 66 बटालियन ने न केवल अपने कर्मियों की सुरक्षा करने की भूमिका निभाई है, बल्कि स्थानीय आबादी की मदद भी की है। निस्वार्थता और समर्पण का यह प्रदर्शन बीएसएफ की भावना को दर्शाता है, जो हमेशा राष्ट्र की रक्षा और समर्थन की पहली पंक्ति रही है।
बीओपी पत्तन के जवानों ने मुहार जमशेर गांव में बचाव अभियान शुरू करके इस भावना का उदाहरण पेश किया है। पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिरा होने के बावजूद, बीएसएफ कर्मियों ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग निवासियों सहित कमजोर व्यक्तियों को निकालने के लिए अथक प्रयास किया है। वीरता का यह कार्य बीएसएफ और सीमावर्ती समुदायों के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।