फेस2न्यूज/अबोहर
ब्रह्माकुमारीज ने रक्षा बंधन का त्यौहार सीमा सुरक्षा बल के साथ क्षेत्रीय मुख्यालय में मनाया । डी.आई.जी. विजय कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यू.एन.ओ. द्वारा दिये गये संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिये ब्रह्माकुमारीज द्वारा स्व: परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के लिये चलाया जा रहा अभियान सार्थक सिद्ध हो सकता है। इनकी शिक्षाओं को यदि जीवन में धारण करने का प्रयास करें तो अवश्य ही तनाव से मुक्ति पाने में सफल हो सकते हैं।
स्थानीय ब्रह्माकुमारीज केन्द्र की उपप्रभारी दर्शना बहन, राजयोग शिक्षिका सुनीता बहन ने डीआईजी के इलावा कमांडेंट एस के मिश्रा व रामचंद सहित अनेक अधिकारियों व जवानों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और प्रसाद वितरित किया। उनके साथ डा. संजय गुप्ता, राज सदोष, राकेश नागौरी, राकेश दुरेजा व श्रेया गुप्ता भी मौजूद थे। इन्होने डीआईजी विजय कुमार को ईश्वरीय सौगात भेंट की जबकि बीएसएफ की ओर से ब्रह्माकुमारीज संस्था को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
स्वागत संबोधन में कमांडेंट एस के मिश्रा ने कहा कि पूरे विश्व में जन कल्याण में जुटी संस्था ब्रह्माकुमारीज का रक्षा बंधन बीएसएफ के साथ मनाने का निर्णय प्रशंसनीय है। सुनीता बहन ने अपने प्रवचन में कहा कि देश की सीमा के रक्षकों को रक्षासूत्र बांधने का सौभाग्य प्राप्त करके हम स्वयं को धन्य अनुभव कर रहे हैं। सीमा प्रहरी कर्तव्य पालन के समय कई बार तनावग्रस्त हो जाते हैं।
स्वागत संबोधन में कमांडेंट एस के मिश्रा ने कहा कि पूरे विश्व में जन कल्याण में जुटी संस्था ब्रह्माकुमारीज का रक्षा बंधन बीएसएफ के साथ मनाने का निर्णय प्रशंसनीय है।
सुनीता बहन ने अपने प्रवचन में कहा कि देश की सीमा के रक्षकों को रक्षासूत्र बांधने का सौभाग्य प्राप्त करके हम स्वयं को धन्य अनुभव कर रहे हैं। सीमा प्रहरी कर्तव्य पालन के समय कई बार तनावग्रस्त हो जाते हैं। दवाओं की बजाय यदि राजयोग को अपनाया जाये तो तनाव से मुक्ति सुलभ है। साईलैंस की पावर सबसे अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकती है, दिन में कुछ समय मौन रहकर स्वयं को पहचानने का नियम बनायें।
दर्शना बहन ने कहा कि इस पावन पर्व पर हम अपने भीतर मौजूद क्रोध, लोभ, अहंकार, द्वेष और बदले की भावना जैसी बुराईयों को त्यागने का संकल्प लें। परमात्मा के साथ नाता जोडकर यदि रक्षासूत्र बांधेंगे तो वह संकट के समय अवश्य ही हमारी रक्षा करेगा।