राज सदोष/अबोहर
आर्य समाज के निर्माता, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, प्रखर विचारक पंडित गंगाराम की जीवनी पर आधारित, करीब 400 से ऊपर पुस्तकों के लेखक, साहित्यकार आर्य जगत के विद्वान, राजेंद्र जिज्ञासु द्वारा लिखित पुस्तक ‘जीवन संग्राम’ का लोकार्पण महिला परोपकरिणी सभा में किया गया।
समारोह की अध्यक्षता मदनलाल आर्य ने की। कार्यक्रम का संचालन कृष्ण कुमार शास्त्री, पुरोहित, आर्य समाज मंदिर ने किया। इस मौके पर आर्य वीर दल के संयोजक मेहर चंद आर्य के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आर्य युवा उपस्थित रहे। पुस्तक का लोकार्पण प्रो. राजेंद्र जिज्ञासु के कर कमलों से हुआ। प्रो. जिज्ञासु ने पुस्तक के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि आज तक मैने अपने जीवन काल में सैकड़ों जीवनियां लिखी और पढीं है, लेकिन पंडित गंगाराम जी की जीवनी तो बहुत ही अद्भुत है। जिसमें एक 3 वर्ष का अनाथ बालक और जीवन पर्यंत अपनी उम्र के अन्तिम चरणों तक महर्षि दयानंद के लिए कार्य किया।स्वतंत्रता सेनानी प. गंगाराम स्मारक मंच ने समारोह के अध्यक्ष मदन लाल आर्य, पुस्तक के लेखक राजेंद्र जिज्ञासु, जीवनी में लेखक और मंच को अपूर्व सहयोग प्रदान करने वाले कृष्ण कुमार शास्त्री, पुस्तक की लिपि आदि के लिए श्री राजहंस और उनके माता-पिता श्रीमती संतोष और राय साहब सहित मेहरचंद आर्य, शशि कुमार छाबड़ा, विमला सेतिया एवं इनायत का स्वागत किया ।
स्वतंत्रता सेनानी प. गंगाराम स्मारक मंच ने समारोह के अध्यक्ष मदन लाल आर्य, पुस्तक के लेखक राजेंद्र जिज्ञासु, जीवनी में लेखक और मंच को अपूर्व सहयोग प्रदान करने वाले कृष्ण कुमार शास्त्री, पुस्तक की लिपि आदि के लिए श्री राजहंस और उनके माता-पिता श्रीमती संतोष और राय साहब सहित मेहरचंद आर्य, शशि कुमार छाबड़ा, विमला सेतिया एवं इनायत का स्वागत किया ।
प्रो. जिज्ञासु ने कहा कि अबोहर एक समय में पंडित गंगाराम कर्मभूमि रही है, आजादी के संग्राम में वे जब कभी वे भूमिगत होते तो पंजाब में ही उनका अधिक निवास रहा। उस पुण्य भूमि में यह समारोह आयोजित किया जाना बड़े ही गर्व की बात है। अंत में पंडि़त गंगाराम के पुत्र भगत राम तथा स्वतंत्रता सेनानी पं गंगाराम स्मारक मंच, हैदराबाद ने सभी का से धन्यवाद किया।