चण्डीगढ़ : शहर के वकीलों ने फ्लॉप एक्टर-प्रोड्यूसर कमाल आर खान के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने की मांग की है। एसएसपी को दी गई शिकायत में वकीलों ने आरोप लगाया है कि केआरके ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समुदाय को निशाना बनाते हुए पोस्ट किया है।
पूर्व बार काउंसिल चेयरमैन एडवोकेट लेखराज शर्मा, एडवोकेट अजय शर्मा, एडवोकेट चंदन शर्मा उपाध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन, एडवोकेट रजत वर्मा, एडवोकेट शिवम सचदेवा, एडवोकेट अभिषेक शर्मा, एडवोकेट अभिकांत वत्स, एडवोकेट शर्मा राज कुमार के मुताबिक कमाल आर. खान ने 'एक्स' पर अपनी पोस्ट के जरिए झूठी और अपमानजनक जानकारी फैलाई है जिससे सांप्रदायिक द्वेष को बढ़ावा मिलने और देश में धार्मिक समुदायों के बीच शांति भंग होने की संभावना है।
कमाल आर खान द्वारा की गई पोस्ट में ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और निराधार आरोप शामिल हैं, जिसमें ब्राह्मणों को कपटी और अविश्वसनीय बताया गया है. खान जैसे सार्वजनिक व्यक्ति का ऐसा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार न केवल अनैतिक है, बल्कि गैरकानूनी भी है. हमारे समाज में सांप्रदायिक संबंधों की संवेदनशीलता को देखते हुए, इस तरह की झूठी अफवाहों और घृणित सामग्री के प्रसार के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कमाल आर खान की पोस्ट से स्पष्ट है कि उनके इरादे दुर्भावनापूर्ण हैं और अशांति पैदा करने के उद्देश्य से हैं।
कमाल आर खान द्वारा की गई पोस्ट में ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और निराधार आरोप शामिल हैं, जिसमें ब्राह्मणों को कपटी और अविश्वसनीय बताया गया है. खान जैसे सार्वजनिक व्यक्ति का ऐसा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार न केवल अनैतिक है, बल्कि गैरकानूनी भी है. हमारे समाज में सांप्रदायिक संबंधों की संवेदनशीलता को देखते हुए, इस तरह की झूठी अफवाहों और घृणित सामग्री के प्रसार के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कमाल आर खान की पोस्ट से स्पष्ट है कि उनके इरादे दुर्भावनापूर्ण हैं और अशांति पैदा करने के उद्देश्य से हैं।
एडवोकेट लेखराज शर्मा, एडवोकेट अजय शर्मा, एडवोकेट चंदन शर्मा उपाध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन, एडवोकेट रजत वर्मा, एडवोकेट शिवम सचदेवा, एडवोकेट अभिषेक शर्मा, एडवोकेट अभिकांत वत्स, एडवोकेट शर्मा राज कुमार और अन्य के नेतृत्व में वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी कँवरदीप कौर से आग्रह किया कि केआरके ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000, विशेष रूप से धारा 66 ए (जो संचार सेवाओं के माध्यम से आपत्तिजनक संदेशों से संबंधित है) और धारा 67 (जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने से संबंधित है) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और उसके खिलाफ बीएनएस और प्रासंगिक साइबर कानूनों की धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए जिनमें धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए धारा 196, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने के लिए धारा 299 व सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान के लिए धारा 353 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है।