राज सदोष/ अबोहर
गंग नहर में राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने से आक्रोशित किसानों ने साधुवाली नेशनल हाईवे फ्लाईओवर के नीचे धरना जारी रखा।
किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुए और पंजाब सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा गंग नहर के लिए निर्धारित 2500 क्यूसेक पानी हरिके हेड तक पहुंच रहा है, लेकिन पंजाब सरकार इसे बीकानेर कैनाल में नहीं छोड़ रही, जिससे राजस्थान के किसानों को केवल 1000-1200 क्यूसेक पानी ही मिल पा रहा है।
किसान नेता सुभाष सहगल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पिछले तीन महीनों से पंजाब सरकार की मनमानी के कारण गंग नहर में पानी की भारी कमी है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन हैं, जिससे इलाका उजड़ने की कगार पर है।" सहगल ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मांगें पूरी नहीं हुईं, तो किसान नेशनल हाईवे जाम करने जैसे बड़े कदम उठाएंगे।
किसान नेता सुभाष सहगल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पिछले तीन महीनों से पंजाब सरकार की मनमानी के कारण गंग नहर में पानी की भारी कमी है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन हैं, जिससे इलाका उजड़ने की कगार पर है।" सहगल ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मांगें पूरी नहीं हुईं, तो किसान नेशनल हाईवे जाम करने जैसे बड़े कदम उठाएंगे।
अमर सिंह बिश्नोई ने कहा, "न तो गंग नहर में पूरा पानी आ रहा है और न ही उपलब्ध पानी का समान वितरण हो रहा है। टेल क्षेत्र के किसानों तक पानी पहुंचना तो दूर, पशुओं के लिए चारा तक उपलब्ध नहीं है।" सुखबीर सिंह फौजी ने फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण को स्थायी समाधान बताते हुए कहा, "पिछले 15 सालों में न कांग्रेस और न ही बीजेपी सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया।"
मनोहर लाल कड़वासरा ने कहा, "किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। खेतों में तीन बारियां खाली जा चुकी हैं, फिर भी पानी नहीं मिल रहा। गंग नहर का निर्धारित शेयर जून-जुलाई में 2500 क्यूसेक है, लेकिन खखां हेड पर केवल 1000-1200 क्यूसेक पानी ही पहुंच रहा है। इससे किसानों को बिजाई में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।”