ENGLISH HINDI Friday, October 03, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
भगवान श्री राम के जयकारों के बीच सेक्टर 46 में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को किया अग्नि भेंटअंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का शुभारम्भ, दशहरा पर्व आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीकः शिव प्रताप शुक्लपीईसी ने उत्तराखंड के पत्रकार की रहस्यमय मौत की निष्पक्ष जांच की माँग कीआयुर्वेद के तरीकों में ही बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की क्षमता : सतनाम सिंह संधू425 कंजकों का पूजन किया श्री साईं धाम में आयोजित कंजक पूजन मेंहिमाचल को आधार फेस ऑथेंटिकेशन नवाचार के लिए राष्ट्रीय सम्मानसांसारिक सुखों में नृत्य करना और ठाकुर के लिए नृत्य करना दोनों अलग अलग सुख देता है : इंद्रेश महाराजश्री सनातन धर्म दशहरा कमेटी सेक्टर 46 के दशहरा में सोने की लंका व 101 फुट ऊँचे रावण के पुतले का दहन होगा खास आकर्षण का केंद्र
पंजाब

पंजाब सूचना आयोग ने आवेदक को ब्लैकलिस्ट किया, हाई कोर्ट ने निर्णय को किया ख़ारिज

July 23, 2025 10:39 AM

संजय कुमार मिश्रा/चंडीगढ़ 

पंजाब सूचना आयोग ने एक आवेदक को सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना लेने से एक साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया और पंजाब परिवहन विभाग के लोक सूचना अफसर को आदेश दिया की आवेदक के किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाए। सूचना आयोग के इस निर्णय को पंजाब एन्ड हरियाणा हाई कोर्ट ने जनहित के विरुद्ध बताते हुए ख़ारिज कर दिया।

मामला कुछ इस तरह का है कि सेक्टर 125 मोहाली निवासी मनजिंदर सिंह ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करते हुए पंजाब के परिवहन विभाग के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से राज्य में चल रही पैसेंजर बस में स्पीड गवर्नर, एन ओ सी , फिटनेस प्रमाण पत्र सहित कई अन्य जानकारियां मांगी। अधिकारियों ने जब उपरोक्त जानकारियां मुहैया नहीं कराई तो मामला प्रथम अपील होते हुए दूसरी अपील के रूप में पंजाब सूचना आयोग चंडीगढ़ के पास पहुंचा।

सूचना आयुक्त संदीप सिंह धालीवाल ने आवेदक द्वारा डाली गई करीब 200 अपील को संज्ञान में लेते हुए उनके बेंच के समक्ष प्रस्तुत सभी 70 अपील को ख़ारिज कर दिया। आयोग ने अपील संख्या AC 2035 ऑफ़ 2022 एवं अन्य को ख़ारिज करते हुए अपने 8 जनवरी 2025 के निर्णय में कहा कि, आवेदक ने अपने आवेदन में यह नहीं बताया की इन सूचनाओं का वो क्या करेगा एवं ये जनहित से कैसे जुड़ा हुआ है।

सूचना आयुक्त संदीप सिंह धालीवाल ने आवेदक द्वारा डाली गई करीब 200 अपील को संज्ञान में लेते हुए उनके बेंच के समक्ष प्रस्तुत सभी 70 अपील को ख़ारिज कर दिया। आयोग ने अपील संख्या AC 2035 ऑफ़ 2022 एवं अन्य को ख़ारिज करते हुए अपने 8 जनवरी 2025 के निर्णय में कहा कि, आवेदक ने अपने आवेदन में यह नहीं बताया की इन सूचनाओं का वो क्या करेगा एवं ये जनहित से कैसे जुड़ा हुआ है।

आवेदक के खिलाफ परिवहन विभाग के कई अधिकारियों ने धन उगाही की शिकायत दी है और कहा है की आवेदक अनावश्यक सूचना अधिकार आवेदन देकर धन उगाही के काम में लिप्त है।

आयोग ने कहा कि बहुत ज्यादा आवेदन एवं अधिकारियों के उपरोक्त शिकायत से यह साबित होता है कि आवेदक इस कानून का दुरूपयोग कर रहा है, इसलिए सूचना आयोग इस आवेदक को एक साल के लिए प्रतिबंधित करते हुए परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करता है की वो आवेदक के किसी भी सूचना अधिकार आवेदन पर विचार नहीं किया जाए।

पंजाब सूचना आयोग के उपरोक्त निर्णय से व्यथित होकर आवेदक ने पंजाब एन्ड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाई। अपनी याचिका में मनजिंदर सिंह ने कोर्ट से गुजारिस किया की मांगी गई सूचना जनहित से सम्बंधित है क्योंकि पंजाब में कई पैसेंजर गाड़ियां बिना परमिट, बिना स्पीड गवर्नेंस एवं बिना फिटनेस वगैरह के चल रही है और इसमें बैठने वाली सवारियां की जान पर जोखिम है और सूचना आयोग द्वारा आवेदक को सूचना लेने से प्रतिबंधित करने का निर्णय जहाँ एक तरफ इसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है तो दूसरी तरफ जनहित के विरुद्ध भी है 

सिविल रिट पिटीशन संख्या 8035 ऑफ़ 2025 (मनजिंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य)  के तहत जारी हुए नोटिस का जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि आवेदक ने कोई स्पेसिफिक सूचना नहीं मांगी बल्कि बहुतायत एवं थोक में सूचना मांगी है जिसे देने में विभाग के अधिकतम रिसोर्स को लगाना होगा जिससे दैनिक कार्यकलाप बाधित होंगे।  फिर 200 से अधिक की आवेदन संख्या दर्शाती है की आवेदक इस अधिनियम का दुरूपयोग कर रहा है और पैसे की उगाही की मंशा रखता है जैसा की कई क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने शिकायत दी है।  

दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि आवेदक को सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना लेने से एक साल के लिए प्रतिबंधित करना गलत है और जनहित के विरुद्ध है क्योंकि आवेदक के खिलाफ कोई दुराचार सिद्ध नहीं हुआ है इसलिए आयोग के उपरोक्त निर्णय को ख़ारिज किया जाता है।  आवेदक को सलाह दी जाती है कि वो स्पेशिफिक सूचना मांगते हुए सम्बंधित सूचना आयुक्त को अपना आवेदन भेजें, और सम्बंधित सूचना आयुक्त इस आवेदन पर गौर करते हुए सूचना देने या ना देने का निर्णय पारित करें। अगर सूचना देने का निर्णय सकारात्मक है तो ठीक अगर नकारात्मक है तो निर्णय में वो सभी कारणों का ब्यौरा दिया जाए कि अमुक सूचना कानूनन इस वजह से नहीं दी जा सकती है।  
 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और पंजाब ख़बरें
विश्व प्रसिद्ध आरती .....ओम जय जगदीश हरे के रचयिता पंडित श्रद्धा राम फिलौरी की 188वीं जयंती दसमेश खालसा कॉलेज, ज़ीरकपुर में एन.एस.एस. दिवस पर विशेष सेमिनार का आयोजन आप नेता पर भाई भतीजे को धमकाने के लगे आरोप रामलीला बनेगी प्रेरणा : इस बार मंच से गूँजेगा संदेश 'पर्यावरण बचाओ' भारत पाक सरहद पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी अब सायं 5:30 बजे होगी हिंदी को पूर्ण राष्ट्र भाषा का दर्जा देना समय की जरूरत : किशोर कुमार शर्मा बीएसएफ के डीआईजी विजय कुमार ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा सैन समाज की नई कार्यकारिणी का गठन , मुकेश सैन बने प्रधान भारत-पाक के बीच 1965 के युद्ध की दास्तां... जब फाजिल्का एक माह तक पूरा खाली रहा जीरकपुर के होटलों में चल रहा रेव जैसी पार्टियों का गंदा खेल, कर रहे किन्नर समाज को बदनाम: दीपा महंत