घटना के वक्त मंदिर की रसोई घर में श्रद्धालुओं के वास्ते लंगर में तली जा रही थी पुरियां, भट्टी में तेल डालते वक्त हुआ हादसा
अखिलेश बंसल/करन अवतार/ प्रमोद कांसल, धनौला-बरनाला।
बरनाला-चंडीगढ़ हाईवे मार्ग पर स्थित धनौला के पास निर्मित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के रसोई घर में हलवाई द्वारा चल रही भट्ठी में तेल डालते वक्त और अचानक तेल जमीन पर गिरने से आग भड़क गई, जिससे मौके पर हल्वाई समेत मौजूद करीब 16 लोग आग से झुलस गए। जिनमें से 4 की हालत गंभीर बता उन्हें फर्स्ट-एड देकर तुरंत फरीदकोट रैफेर करना पड़ा, जबकि 8 को कम्युनिटी सेहत केन्द्र धनौला और 2 को सिविल अस्पताल बरनाला रैफर किया गया।
घटना गत मंगलवार की सायं को घटी। घटना की खबर मिलते ही घटनास्थल और अस्पतालों में पहुंचे सिविल और पुलिस के अधिकारियों ने घायलों के परिजनों और श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया दिया कि सभी का ईलाज बेहतरीन ढंग से करवाया जाएगा। गौरतलब हो कि घायलों में राम जतन नामक व्यक्ति लंबे समय से लंगर सेवा करता आ रहा था, घटना के मौके पर उनके साथ मिट्ठू सिंह, अभिनंदन, अजय कुमार, बलविंदर सिंह, राम चंदर, विशाल, दलजीत कौर, परमजीत कौर, सुरजीत कौर गुरमेल कौर, मनजीत कौर आदि सेवा कर रहे थे।
45 साल पहले से ही कर रखे यह प्रबंधः
मंदिर प्रबंधकों के मुताबिक धनौला स्थित श्री हनुमान मंदिर के प्रति लोगों में असीमित आस्था होने को लेकर 40-45 वर्षों से धनौला स्थित हनुमान मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगन दूर दूर से पहुंचते हैं। उनकी सुविधा को लेकर मंदिर प्रबंधकों द्वारा लंगर प्रबंधन शुरु हुआ था। लंगर और रसोई स्थल मंदिर से दूरी पर पहले से ही हैं और वहां पानी और आग बुझाऊ यंत्र भी रखे हुए हैं।
घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचा प्रशासन
धनौला मंदिर अग्निकांड हादसे के दौरान घायल हुए पीड़ितों का हाल जानने स्वयं डिप्टी कमिश्नर टी. बैनिथ आईएएस और जिला पुलिस मुखी मोहम्मद सरफराज अहमद आईपीएस सुबह होते ही सिविल अस्पताल धनौला पहुंचे। घयालों से घटनाक्रम की जानकारी हासिल की। उनके सहित सभी घायलों को आश्वासन दिया कि उनके ईलाज उपचार में किसी किस्म की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
एसडीएम ने देर रात की थी पुष्टिः
धनौला मंदिर अग्निकांड हादसे की सूचना मिलते ही मंगलवार की देर सायं बरनाला की उपमंडलाधिकारी मैडम सोनम भंडारी डीएसपी सतबीर सिंह के साथ धनौला सिविल अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष पहुंची। उसके बाद वह घटनास्थल पहुंची। पूरी स्थिती जानने के बाद उन्होंने मौके पर मौजूद जिला लोक संपर्क विभाग के माध्यम से अधिकारिक पुष्टी करते बताया कि धनौला स्थित भगवान हनुमान जी के मंदिर की रसोई घर में हुए अग्निकांड में कुल 16 लोग घायल हुए थे। जिनमें 6 को फर्स्ट-एड देकर फरीदकोट रैफर किया गया और 8 को कम्युनिटी सेहत केन्द्र धनौला और 2 को सिविल अस्पताल बरनाला रेफर किया गया। रात तक सभी घायलों की स्थित स्थिर थी।
सिलेंडर फटने की खबरों का खंडनः
प्रसाशनिक अधिकारियों ने उन अफवाहों और खबरों को बेबुनियाद करार दिया है जिनमें धनौला मंदिर अग्निकांड हादसे का कारण गैस सिलेंडर फटने या ब्लास्ट होना बताया गया। जांच और सीसीटीवी फुटेज से भी यह कारण स्पष्ट हुआ कि भट्ठी में तेल डालते वक्त हुआ था। जिससे श्रद्धालुओं के लिए लंगर तैयार कर रहे हल्वाई, करिंदे और पूरी बेल रही श्रद्धालू महिलाएं भी आग की लपेट में आकर झुलस गई। सिविल और पुलिस प्रसाशनिक अधिकारियों ने यह बात सार्वजनिक की कि घटना की खबर मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी पहुंची और मंदिर में रखे आग बुझाऊ यंत्रों का प्रयोग किया गया, जिससे बड़ी घटना होने से बचाया जा सका। क्यूंकि मंदिर की रसोई घर में गैस के सिलेंडर भी पड़े थे, जहां आग को पहुंचने से पहले ही काबू में ले लिया गया।
रक्तदान करने फरीदकोट पहुंचे सिविल डिफेंस कार्यकर्ताः
फरीदकोट से जैसे ही सूचना मिली कि घायलों के लिए खून की जरूरत पड़ सकती है तो बरनाला से सिविल डिफेंस कार्यकर्ताओं की पांच सदस्यीय टुकड़ी देर रात बरनाला से रवाना हुई। वहां पहुंच सिविल डिफेंस कार्यकर्ता सुरिंदर मोहन ने बताया कि घायलों का इलाज चल रहा है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।