अखिलेश बंसल/ बरनाला
धनौला स्थित श्री हनुमान मंदिर की रसोई में गत मंगलवार की सायं हुए अग्निकांड में झुलसे राम जतन की वीरवार की सुबह मौत हो गई है। यह दुखदायी खबर फरीदकोट के श्री गुरु तेग बहादर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल से पहुंची है। उसके शव को बरनाला लाया गया है। यह खबर पाकर पूरा जिला शोकाकुल हो गया। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उसका संस्कार हो सकेगा।
भट्टी में तेल डालते समय हुआ था हादसाः
धनौला के पास निर्मित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर (बरने वाला) बरनाला-चंडीगढ़ हाईवे मार्ग पर स्थित है। हर मंगलवार की तरह गत मंगलवार भी मंदिर के रसोई घर में हजारों की संख्या में आस्था को लेकर दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए लंगर पकाया जा रहा था। भट्टी में तेल की कमी पूरी करने के लिए हलवाई द्वारा चल रही भट्ठी की टंकी में जैसे ही तेल भरना शुरु किया, वह ओवर-फ्लो हो गई तेल जमीन पर गिर गया जिसे भट्टी की आग ने अपनी चपेट में ले लिया, उसके साथ ही पुरियां तलने के लिए भट्टी पर रखे कड़ाहे में गर्म हो रहे रिफायंड तेल को भी आग लग गई। जिससे रसोई घर में लंगर की सेवा कर रहे हल्वाईयों और महिलाओं सहित 16 लोग आग से झुलस गए। उनमें गंभीर घायल हुए 4 लोगों को फरीदकोट के श्री गुरु तेग बहादर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल रेफर किया गया था। उनमें शामिल राम जतन की वीरवार की सुबह करीब 10 बजे मौत हो गई।
राम जतन के लिए नागरिक सुरक्षा भी थी अहमः
राम जतन ना केवल हल्वाई था, वह अपने कारोबार के साथ साथ सिविल डिफेंस विंग के माध्यम से नागरिक सुरक्षा करने और अधिक से अधिक पौधारोपण को भी अहमियत देता आ रहा था। उसका पूरा परिवार केवल उसकी आय पर निर्भर था। सिविल डिफेंस की पूरी टीम ने राम जतन के परिवार के साथ दुख का प्रगटावा किया है।