फेस2न्यूज/चंडीगढ़
शिक्षा विभाग, चंडीगढ़ के राज्य संसाधन समूह (एसआरजी) की भाषाओं - अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत - की एक टीम ने हाल ही में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई), अजमेर द्वारा एनसीईआरटी, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित एक अत्यंत जानकारीपूर्ण 5 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एनसीईआरटी द्वारा नव विकसित भाषा पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा और चर्चा पर केंद्रित था। चंडीगढ़ के एसआरजी ने राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य उत्तरी राज्यों के प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। इन सत्रों ने पाठ्यपुस्तकों की शुरुआत से लेकर विकास तक की व्यापक समझ प्रदान की और उनकी विषयवस्तु और शिक्षण पद्धतियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण प्रख्यात शिक्षाविदों, जैसे एनईपी 2020 की प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. चांद किरण सलूजा; एनसीईआरटी की डॉ. मीनाक्षी खार; डॉ. श्री देवी, आरआईई अजमेर में सहायक प्रोफेसर और डॉ. सुचेता, आरआईई अजमेर में प्राचार्य। इन चर्चाओं ने कार्यक्रम को और भी गहन बना दिया और नई पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इस पहल का उद्देश्य एसआरजी को चंडीगढ़ के अन्य भाषा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के कौशल से लैस करना था ताकि वे कक्षा में इन पाठ्यपुस्तकों का रचनात्मक और प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।
चंडीगढ़ एसआरजी समूह की समन्वयक, एससीईआरटी, चंडीगढ़ की सुश्री मन्नु शर्मा ने एसआरजी को आरआईई अजमेर में नई पाठ्यपुस्तकों से संबंधित अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में भाग लेने वाले एसआरजी में सुश्री ईशा आनंद (टीजीटी, अंग्रेजी), सुश्री मीनाक्षी धीमान (टीजीटी, हिंदी), सुश्री किरण बाला (टीजीटी, हिंदी), श्री गोविंद शर्मा (टीजीटी, संस्कृत), डॉ. सोनू शर्मा (टीजीटी, संस्कृत), श्री प्रेम चंद (जेबीटी), और श्री सुनील कौशिक (टीजीटी, संस्कृत) शामिल थे।
इस कार्यक्रम से चंडीगढ़ में शिक्षकों को नई पाठ्यपुस्तकों को उनके शिक्षण प्रथाओं में एकीकृत करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, इस प्रकार नवीन और समग्र शिक्षा के लिए एनईपी 2020 के व्यापक उद्देश्यों में योगदान मिलेगा।