श्री मद भागवत कथा और वृन्दावन प्राक्टय उत्सव का चौथा दिन भी हरि के भजनों के साथ शुरु हुआ, चौथे दिन भी महाराज जी ने बाई सा (मीरा बाई) के गिरिधर के प्रति अटूट प्रेम का वर्णन किया, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपनी पत्नी के साथ कथा श्रवण करने पहुंचे
चंडीगढ़
श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में सेक्टर 34 के मेला ग्राउंड में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा।
कथा के चोथे दिन आज पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपनी पत्नी के साथ कथा श्रवण करने पहुंचे I संजय टंडन भाजपा नेता चंडीगढ़ भी अपनी पत्नी के साथ कथा सुनने पहुंचे I
इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजक बी प्राक और मुनीश बजाज ने राज्यपाल का स्वागत किया। उसके बाद पूरे रीति रिवाज के साथ राधा रमन हरि बोल से कथा की शुरुआत हुई। विश्व विख्यात कथा व्यास परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने कहा कि गायक बी प्राक के प्रयत्नों से चंडीगढ़ अब वृंदावन बन गया है।
कथा के चौथे दिन श्री इंद्रेश महाराज जी के गुरु पिता श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री भी कथा श्रवण करने पहुंचे, महाराज जी ने कहा कि भाग्यशाली है वो लोग जिनके भजन में घर परिवार व बंधुजन रोक नहीं लगाते, ओर वो इंसान भी ठाकुर जी से कम नही है जो आपको ठाकुर जिनके करीब लाए.
चंडीगढ़ में वृंदावन प्रकाश उत्सव के चौथे दिन भक्तों के चरित्र की महिमा का गुणगान किया, महाराज जी ने बताया कि अगर घर में ठाकुर जी विराजमान है और तीनों पहर में कोई सेवा नहीं की जा रही तो रात्रि में शयन के समय ठाकुर जी को भक्तों के चरित्र रूप की कहानियां सुनिए, ठाकुर जी इस में ही राजी हो जाते है, उत्सव के चौथे दिन भी महाराज जी ने बाई सा (मीरा बाई) के गिरिधर के प्रति अटूट प्रेम का वर्णन किया, बाई सा के पति का जब अंतिम समय था तब उनका सिर बाई सा की गोद में था और गोदी में लेट लेट जब वो मीरा बाई का मुख देख रहे थे ओर जैसे ही पलक झपकाने के लिए उन्हें के अपनी आंखें बंद करके खोली तो बाई सा के चेहरे उन्हें साक्षात् गिरिधर जी के दर्शन हुए और अंतिम सांस को पूरा किया, ऐसे भक्तों का चरित्र प्रेम सुन कर ठाकुर जी प्रसन्न हो कर तृप्त होते है इस मौके पर मंगल कान्हा जी का जन्मोत्सव मनाया गया, ओर दधी लीला मटकी फोड़ उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया I
कथा के चौथे दिन श्री इंद्रेश महाराज जी के गुरु पिता श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री भी कथा श्रवण करने पहुंचे, महाराज जी ने कहा कि भाग्यशाली है वो लोग जिनके भजन में घर परिवार व बंधुजन रोक नहीं लगाते, ओर वो इंसान भी ठाकुर जी से कम नही है जो आपको ठाकुर जिनके करीब लाए.
उसके बाद विश्व विख्यात कथा व्यास परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने बताया कि वृंदावन में किसी भी व्यक्ति को मुक्ति नहीं मिलती, बाकी सब जगह मिल जाती है। उन्होंने कहा कि वृंदावन में जन्म लेने वाला सदा वृंदावन में ही जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि वृंदावन में जब भी किसी व्यक्ति के प्राण निकलते है, उसका कोई शोक व्यक्त नहीं करता, क्योंकि उसका जन्म दुबारा यहीं होना है।
उन्होंने कहा कि हमे आन और पैसों की ओर ध्यान कम करना चाहिए। आज की दुनिया छल कपट और धोखेबाजी वाली है। इस कलयुग के समय में राजनीतिक लोगों और राजाओं को झूठ बोलने पर कोई पाप नहीं लगता, इन्हे सब कुछ मुआफ होता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोग बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में पहुंच रहे है, उनमें भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि आज भी लोग भारी संख्या में आए और राधा कृष्ण के भजनों पर थिरके।
इस अवसर पर गायक बी प्राक ने बताया कि इस भागवत कथा को सुनने चंडीगढ़ के हजारों लोग आ रहे है। मैं सभी का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं, जो मुझे इस कार्यक्रम का आयोजन करने और महान संत महात्माओ की सेवा करने का मौका मिला है। मंच का संचालन संदीप चुग द्वारा किया गया I