दीपक सिंह / चंडीगढ़
पंजाब कला भवन, चण्डीगढ़ द्वारा कराओके फ्यूज़न क्लब चंडीगढ़ ने रंधावा ऑडिटोरियम, पंजाब कला भवन, चंडीगढ़ में एक यादगार संगीतमय संध्या वॉइसेज़ ऑफ़ होप – सुरधारा का आयोजन किया। यह आयोजन हाल ही में आई भीषण बाढ़ के बाद पंजाब के पुनर्निर्माण हेतु निधि संग्रह को समर्पित था।
इस अवसर पर पद्मश्री हंस राज हंस के सुपुत्र प्रसिद्ध गायक युवराज हंस एवं प्रो. बृजेश आहूजा, प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
अन्य विशिष्ट अतिथियों में जेआर कुंदल, आईएएस (सेवानिवृत्त), राजेश खरे, अतिरिक्त महानिदेशक, सीपीडब्ल्यूडी, जनरल विजय कुमार कोरपाल (सेवानिवृत्त), अशोक गुप्ता, सीएमडी, डिप्लास्ट ग्रुप, एसएस भुमरा, पूर्व मुख्य अभियंता, बीबीएमबी, निहाल सिंह, पूर्व मुख्य अभियंता, हरियाणा, आरडी कैली, ग़ज़ल गायक निरंजन सिंह, पूर्व मुख्य अभियंता, पीएसपीसीएल, किशोर कुमार, क्विज़ मास्टर, एमएल आहूजा, पूर्व लेखा अधिकारी, वित्त विभाग, हरियाणा आदि भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कलाकारों ने दिल छू लेने वाले अंदाज़ में अमर गीत प्रस्तुत किए जिनमें शशि कांत ने ये जीवन है, भुमरा सुखविंदर ने जग वाला मेला यारो, गगनदीप सिंह ने रहा गर्दिशों में व पुकारता चला हूँ मैं, विपुल प्रकाश ने सारा ज़माना हसीनों का दीवाना, डॉ. राजू धीर ने मैं निगाहें तेरे चेहरे से, (अतिरिक्त सोलो), एस आहूजा ने किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, रिकी सालारिया ने ये माना मेरी जान मोहब्बत सज़ा है,
कवीश कुमार ने जीवन से भरी तेरी आँखे, किशोर कुमार ने ज़िन्दगी का सफर, जेआर कुंदल, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने वफ़ा जिनसे की बेवफा हो गए तथा पूनम शर्मा और डॉ. इंदर कांग ने हमसफर मेरे हमसफर (युगल) आदि गीत गाकर श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर कराओके फ्यूज़न क्लब के संस्थापक डॉ. इंदर कांग ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ़ संगीत का नहीं, बल्कि आशा, उपचार और मानवता का प्रतीक है। देश और विदेश से आए उदार दाताओं का योगदान पंजाब के पुनर्निर्माण और बाढ़ पीड़ितों की गरिमा बहाल करने में लगाया जाएगा।
कराओके फ्यूज़न क्लब ने सभी कलाकारों, अतिथियों और दानदाताओं का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया जिनके सहयोग से रीबिल्ड पंजाब की राह और भी सशक्त हुई।
अन्य प्रस्तुतियां
इंजी. राजेश खरे – क्या खबर क्या पता
• एम.पी. सिंह और अनुरीत – फूल तुम्हें भेजा है ख़त में (युगल)
• कंवरपाल सिंह और कंचन भल्ला – मेरे हमसफर मेरे हमसफर (युगल)
• एम.पी. सिंह और पूनम – जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया (युगल)
• डॉ. इंदर कांग – दिल चोरी साडा हो गया
• अतुल मिश्रा – गिटार वोकल्स के साथ ऊर्जावान प्रस्तुति (उद्घाटन एवं समापन)
• चंडेल जी – बाँसुरी एवं सैक्सोफोन वादन
• कौशिक जी – माउथ ऑर्गन पर मधुर धुनें
• प्रीतम चंडेल – वाद्य संगीत प्रस्तुति
• सम्मायरा – नृत्य प्रस्तुति