ENGLISH HINDI Sunday, December 28, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है : गुलाबचंद कटारियारफी की वर्षगाँठ पर नाइट स्टार क्लब के भव्य संगीतमय कार्यक्रम में श्रोता हुए मंत्रमुग्धलॉयन्स क्लब चण्डीगढ़ ग्रेटर द्वारा आयोजित ख़ूनदान कैम्प में 40 यूनिट रक्त हुआ एकत्रहिमाचल औषधियों गुणों से युक्त भांग के लिए जाना जाएगा, मुख्यमंत्री की ‘ग्रीन टू गोल्ड’ पहल से बढ़ेगी किसानों की आमदनीदीवान टोडरमल जैन की ऐतिहासिक हवेली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए: अग्रवाल समाजज़िंदगी तो बस रजाई तक सिमट के रह गईमाता गुजरी और साहिबजादों की शहादत पर उनकी याद में लंगर का आयोजनस्वदेशी महोत्सव में स्वास्थ्य, खेल, संस्कृति और स्वदेशी विचारधारा का हुआ भव्य संगम
चंडीगढ़

भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है : गुलाबचंद कटारिया

December 27, 2025 08:24 PM

पंजाब लोक भवन में वाल्मीकि रामायण (बालकांड) के पंजाबी अनुवाद का विमोचन समारोह आयोजित

फेस2न्यूज/चण्डीगढ़ :

पंजाब लोक भवन में पंजाब के राज्यपाल एवं चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने सप्त सिंधु अंबेडकर स्टडी सेंटर, चण्डीगढ़ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भगवान वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण (बालकांड) के पंजाबी अनुवाद का विमोचन किया।

गुलाबचंद कटारिया ने हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा कराए गए पंजाबी अनुवाद के कार्य की सराहना की व इसे समयानुकूल बताया। उन्होंने वाल्मीकि रामायण और श्रीराम के जीवन चरित्र के वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला। भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है। श्री रामचंद्र का जीवन चरित्र भारतीय समाज की आत्मा है, जो हमें त्याग, कर्तव्यपरायणता और न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। आज के युग में जब विश्व शांति और सद्भाव की खोज कर रहा है, तब रामायण के आदर्श पूरे विश्व को एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखते हैं।

इस अवसर पर हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने रामायण के दार्शनिक और साहित्यिक महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रामायण का पंजाबी अनुवाद इस महान ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने भगवान वाल्मीकि को आदिकवि बताते हुए उनके द्वारा स्थापित सामाजिक समरसता के सिद्धांतों की सराहना की।

कार्यक्रम का संचालन सरदार सतिंदर सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य विभूतियां उपस्थित रहीं, जिनमें मुख्य रूप से रविंद्र सिंह बलियाला चेयरमैन, अनुसूचित जाति आयोग, हरियाणा, दविंदर सिंह, अध्यक्ष, सप्तसिंधु डॉ भीम राव अध्ययन केंद्र चंडीगढ़ एवं यश गिरी, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, पंजाब, दिनेश वाल्मीकि व मनजीत सिंह, सदस्य सचिव, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सप्त सिंधु अंबेडकर स्टडी सेंटर के प्रतिनिधियों ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी जड़ों और गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत से जोड़ना रहा।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और चंडीगढ़ ख़बरें
लॉयन्स क्लब चण्डीगढ़ ग्रेटर द्वारा आयोजित ख़ूनदान कैम्प में 40 यूनिट रक्त हुआ एकत्र माता गुजरी और साहिबजादों की शहादत पर उनकी याद में लंगर का आयोजन ईएसआईसी एम्पलाइज रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नई कार्यकारिणी समिति की परिचयात्मक बैठक संपन्न ब्राह्मण सभा ने भारतरत्न मालवीय एवं भारतरत्न वाजपेयी की जन्म जयंतियां मनाई छोटे शहरों के छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन की कमी बनी चुनौती, नई पहलें दे रहीं दिशा चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने लगाया शिक्षा विभाग पर 35 हजार रुपये का जुर्माना होम्योपैथिक इलाज के प्रति लोगों का नजरिया बदला और विश्वास बढ़ा : डॉ. संदीप पुरी ऑर्गेनिक उगाए, ऑर्गेनिक खाओ कार्यशाला का आयोजन सुभाष चंदर पलटा सर्वसम्मति से डब्ल्यूसी, सेक्टर 27-डी के अध्यक्ष नियुक्त बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा के लिए चावल, नमक और नदियों के पानियों की आपूर्ति तुरंत बंद कर देनी चाहिए : डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया