चण्डीगढ़ : भगवान परशुराम भवन, सेक्टर 37 में श्री ब्राह्मण सभा चण्डीगढ़ ने भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती मनाई।
सभा के अध्यक्ष और ऑल इंडिया ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महासचिव यशपाल तिवारी ने बताया कि 25 दिसंबर का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महामना जी एवं अटल जी के जन्म दिवस के अतिरिक्त तुलसी पूजन दिवस और धर्मगुरुओं की कुर्बानियों के रूप में भी मनाया जाता है। महामना मदन मोहन मालवीय जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता और राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन बार अध्यक्ष रहे।
चण्डीगढ़, पंचकूला और मोहाली से प्रबुद्ध वर्ग के प्रवक्ता और आध्यात्मिक धर्मगुरु अपने अपने विचार व्यक्त करने के लिए पधारे। संयुक्त समाज के प्रमुख प्रतिनिधि संजय टंडन ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का श्री गणेश करते हुए आह्वान किया कि आज के परिपेक्ष में युवाओं को सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यों में लगाने का प्रयास करें।
पंजाब विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के उत्थान के लिए लोगों को शिक्षित करना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लोग होटलों आदि में जाकर इस दिवस को अन्य रूप में मना रहे हैं वहीं श्री ब्राह्मण सभा चण्डीगढ़ ने समाज को एक सही दिशा देने के उद्देश्य से उन्नतम कार्य किया है। हिंदी और संस्कृत में विद्वता प्राप्त डॉ संतोष कुमारी शर्मा ने महामना मदन मोहन मालवीय जी की जीवनी पर विस्तार से जानकारी दी।
डॉ रमणीक कृष्ण महाराज ने महामना मालवीय जी और अटल बिहारी जी के आदर्शों और उद्देश्यों का अनुसरण करने तथा आध्यात्मिक साहित्य के पठन पाठन के लिए प्रेरित किया।
महामंडलेश्वर सोनाक्षी जी ने कहा कि ऐसे आयोजन आने वाले समय में अधिक से अधिक होने चाहिए ताकि लोगों में उचित जागृति आए। वाल्मीकि समाज से पधारे नवीन सरहदी ने बताया कि मदन मोहन मालवीय जी को महामना क्यों कहा जाता है। समाज के उत्थान के लिए उन्होंने अपना सारा जीवन लगा दिया। राष्ट्रीय संत सरदार हरजीत सिंह रसूलपुर ने भी निर्भीकता से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने लोगों के दोहरे मापदंड पर कड़ा प्रहार किया। पर्यावरण सेवक प्रभु नाथ शाही ने कहा कि दोनों महापुरुषों ने पर्यावरण संवर्धन हेतु मार्ग दर्शन एवं आदर्श स्थापित किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से कुमारी भव्या शर्मा और सुक्रीता शर्मा ने अपनी मधुर वाणी द्वारा किया। पूर्ण कार्यक्रम का संचालन आयुर्वेदाचार्य डॉ सत्य देव पाण्डेय ने बड़े सुचारू रूप से किया।