अमृतसर, फेस2न्यूज:
सितंबर 2022 में धूमकेतू की तरह अचानक ही अमृतपाल पंजाब में दिखाई देने लगा। पहले दिन से ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। आज जो हमारी सरकार भारत की सारी एजेंसियां लगाकर उसको ढूंढ रही हैं, जांच कर रही हैं, सवाल यह है कि पहले क्यों सोये रहे? पंजाब की पूर्व मंत्री श्रीमती लक्ष्मीकांता चावला ने सवाल उठाए हैं कि लगभग चार महीने पहले मैंने वीडियो द्वारा जनता को, सरकार को और अमृतपाल को भी चेलैंज किया था और यह भी कहा था कि सरकार पता लगाए कि यह कहां से आया है, किस एजेंसी का एजेंट है। लेकिन कुछ नहीं किया गया। अगर अजनाला की घटना न होती तो हो सकता है कि सरकारें अब भी सोई रहतीं। अब कुछ दिनों में ही इनका थाइलैंड, इंग्लैंड, इटली आदि कई देशों में इसके संपर्कों का पता चला गया। करंसी मिल गई। खालिस्तान फोर्स की जानकारी मिल गई और इसके सैकड़ों साथी भी दिखाई देने लगे। इसकी शादी के साथ भी कई प्रश्नचिह्न जुड़ गए। क्या यह अच्छा नहीं था कि जिस दिन इसने नफरत फैलानी शुरू की उसी दिन भारत की सारी एजेंसियां सावधान हो जातीं। अब तो यह हालत है, सांप निकल गया और लकीर पीटते कभी इंदौर पहुंच जाते हैं तो कभी आसाम। यह तो अच्छा है कि देर से ही सही सरकार को इसके कारनामों की जानकारी मिल गई, पर कितना अच्छा होता कि सितंबर से इसके इर्द गिर्द घेरा रहता और पंख खुलने से पहले ही इसे समेट लिया जाता। सरकार को इस घटना से सबक लेकर भविष्य में देश विरोधी तत्वों के लिए सावधान रहना ही होगा। याद रखना होगा कि अपराधी तो पकड़ा जा सकता है, पर जो जहर उसने फैला दिया उसे संभालना कठिन हो जाता है।
सरकारी एजेंसियां जांच यह भी करें कि मीडिया के जिस ग्रुप ने तीन—तीन दिन तक सितंबर में ही इसका इंटरव्यू लगातार दिखाया उनकी मंशा क्या थी। कितनी रकम लेकर उन्होंने यह सब किया या किसी मजबूरी में?