ENGLISH HINDI Wednesday, December 10, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
आसफवाला वॉर मेमोरियल से साइकिल रैली का शुभारंभगढ़वाल सभा ने समृद्धि बिष्ट का यूटीसीए अंडर-19 टीम में चयन होने पर बधाई दीश्री हनुमंत धाम में मुफ्त नेत्र जांच शिविर लगायाउत्तराखंड के प्रवासी उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों की बैठक में कुशल एवं शिक्षित युवाओं को रोजगारोन्मुखी योजनाओं के बारे में अवगत करायाएच.के. क्रिकेट अकादमी, एन.डब्ल्यू.सी.ए अकादमी, जे.पी.एस.ए स्पोर्ट्स अकादमीऔर सी.डब्ल्यू.एन. अकादमी, पीरमुछल्ला ने सेमीफाइनल में प्रवेश कियागौड़ीय मठ और इस्कॉन के संस्थापक सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी की 89वी पुण्यतिथि मनाईविजय दिवस पर पंजाब के 350 सैनिक व 16 शहीद परिवारों का किया गया सम्मानश्री संतोषी माता मंदिर में धूमधाम से मनाई गई श्री अन्नपूर्णा माता जयंती
राष्ट्रीय

साक्ष्य अधीनियम के तहत सत्यापित प्रतिलिपि नहीं दिया, आयोग ने लगाया 25000 रूपये का जुर्माना

January 23, 2024 08:51 AM

संजय कुमार मिश्रा:
भारतीय साक्ष्य अधीनियम 1872 के धारा 76 के तहत आवेदक को सत्यापित प्रतिलिपि नहीं देने पर बीकानेर जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी पर लगाया 25000 रूपये का जुर्माना। आयोग ने कहा कि आवेदक द्वारा कानून के तहत फीस का भुगतान के बावजूद भी प्रतिपक्षी ने मांगी गई दस्तावेज की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं करवाकर सेवा में कमी को सिद्ध किया है और आवेदक ने शुल्क का भुगतान कर खुद को उपभोक्ता साबित किया है।
शंकर लाल निवासी लूणकरणसर, जिला बीकानेर राजस्थान ने पहली अप्रैल 2023 को अपने इलाके के ग्राम विकास अधिकारी से ख़रीदे गए कचरापात्र के बीजक की सत्यापित प्रतिलिपि चाही। इसके लिए आवेदक ने क़ानूनी फीस के रूप में 2 रूपये का कोर्ट फ़ीस का टिकट आवेदन पर चिपकाया और फिर फोटोस्टेट एवं डाकखर्च के लिए 60 रूपये का पोस्टल आर्डर भी भेजा, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी ने उपरोक्त बिल की सत्यापित प्रतिलिपि आवेदक को उपलब्ध नहीं कराई। आवेदक ने उक्त अधिकारी के कार्यालय के कई चक्कर लगाए लेकिन फिर भी चाही गई दस्तावेज की प्रतिलिपि नहीं मिली।
थक हारकर आवेदक ने सेवा में कमी की शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग बीकानेर में की। आयोग ने प्रतिपक्षी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन प्रतिपक्षी हाजिर नहीं हुआ इसलिए आयोग ने प्रतिपक्षी को एक्स पार्ट घोषित कर एकतरफा फैसला सुनाया।
शिकायत संख्या 247 ऑफ़ 2023 पर आयोग ने 3 जनवरी 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा- आवेदक ने साक्ष्य अधिनियम के तहत फीस का भुगतान करते हुए दस्तावेज की प्रतिलिपि चाही जो उसे उपलब्ध नहीं करवाकर प्रतिपक्षी ने सेवा में कमी की है, आवेदक ने फीस का भुगतान करके खुद को उपभोक्ता साबित किया है और वह सत्यापित प्रतिलिपि नहीं मिलने पर 60 रूपये फीस की वापसी के साथ 20 हजार रूपये के मुआवजे का हकदार है, साथ ही आवेदक को मुकदमा खर्च के रूप में 5000 रुपया देने का आदेश दिया जाता है। प्रतिपक्षी आवेदक को इस आदेश के मिलने के 30 दिनों के भीतर 25060 रूपये का भुगतान करे अन्यथा इसके बाद उसे इस रकम पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी भरना होगा।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और राष्ट्रीय ख़बरें
ब्र.कु. नवीना बहन के दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह का आयोजन नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज को मिला उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट दायित्व, अनुयायियों में खुशी की लहर बिहार चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत के मायने खास खबरः 14 साल में भारत में डेंगू के करीब 27 लाख केस 1983 में घटे असम के नेली नरसंहार की सच्चाई सार्वजनिक की जाए, पीपीफए की मांग आने वाले समय में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व शांति के प्रयासों का प्रमुख केंद्र होगा: नरेंद्र मोदी अलविदा! असरानी पीस ऑडिटोरियम में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली पर्व असम में पत्रकारों पर हमलों को लेकर प्रेस एम्बलम कैंपेन ने जताई गहरी चिंता, दोषियों पर कार्रवाई की माँग प्रगतिशील किसान चौधरी विनोद ज्याणी को प्रधानमंत्री ने किया सम्मानित