ENGLISH HINDI Friday, February 07, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
भारतीयों की अपमानजनक वापसी पर एस जयशंकर के बयान की युवा कांग्रेस ने की निंदामेयर हरप्रीत कौर बबला ने चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल यूथ एसोसिएशन के वार्षिक कैलेंडर 2025 का शुभारंभ किया सरकार रोजगार के अवसर प्रदान करे तो युवाओं को विदेश जाने की जरूरत ही नहीं: कुमारी सैलजाभारत सरकार उन एजेंटों को पकड़े जिन्होंने अवैध रूप से युवकों को बाहर भेजा : लक्ष्मीकांता चावलाभाखड़ा-ब्यास इम्पलाईज यूनियन की क्रमिक भूख हड़ताल 29वें दिन भी जारी, 15 तक मांगे न मानी तो आमरण अनशन करेंगेस्वर्गीय श्री पन्ना लाल मेमोरियल एनएसएस ट्रॉफी: लड़कों की अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता के 5वें संस्करण में 10 टीमें भाग लेंगी शिव महापुराण कथा पर निकाली जाने वाली ऐतिहासिक कलश यात्रा के लिए अब तक आठ हजार भक्तों ने टोकन लिया : नरेश गर्गपाले का हुआ अंत, दुल्हा बनकर आया बसंत...
राष्ट्रीय

साक्ष्य अधीनियम के तहत सत्यापित प्रतिलिपि नहीं दिया, आयोग ने लगाया 25000 रूपये का जुर्माना

January 23, 2024 08:51 AM

संजय कुमार मिश्रा:
भारतीय साक्ष्य अधीनियम 1872 के धारा 76 के तहत आवेदक को सत्यापित प्रतिलिपि नहीं देने पर बीकानेर जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी पर लगाया 25000 रूपये का जुर्माना। आयोग ने कहा कि आवेदक द्वारा कानून के तहत फीस का भुगतान के बावजूद भी प्रतिपक्षी ने मांगी गई दस्तावेज की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं करवाकर सेवा में कमी को सिद्ध किया है और आवेदक ने शुल्क का भुगतान कर खुद को उपभोक्ता साबित किया है।
शंकर लाल निवासी लूणकरणसर, जिला बीकानेर राजस्थान ने पहली अप्रैल 2023 को अपने इलाके के ग्राम विकास अधिकारी से ख़रीदे गए कचरापात्र के बीजक की सत्यापित प्रतिलिपि चाही। इसके लिए आवेदक ने क़ानूनी फीस के रूप में 2 रूपये का कोर्ट फ़ीस का टिकट आवेदन पर चिपकाया और फिर फोटोस्टेट एवं डाकखर्च के लिए 60 रूपये का पोस्टल आर्डर भी भेजा, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी ने उपरोक्त बिल की सत्यापित प्रतिलिपि आवेदक को उपलब्ध नहीं कराई। आवेदक ने उक्त अधिकारी के कार्यालय के कई चक्कर लगाए लेकिन फिर भी चाही गई दस्तावेज की प्रतिलिपि नहीं मिली।
थक हारकर आवेदक ने सेवा में कमी की शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग बीकानेर में की। आयोग ने प्रतिपक्षी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन प्रतिपक्षी हाजिर नहीं हुआ इसलिए आयोग ने प्रतिपक्षी को एक्स पार्ट घोषित कर एकतरफा फैसला सुनाया।
शिकायत संख्या 247 ऑफ़ 2023 पर आयोग ने 3 जनवरी 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा- आवेदक ने साक्ष्य अधिनियम के तहत फीस का भुगतान करते हुए दस्तावेज की प्रतिलिपि चाही जो उसे उपलब्ध नहीं करवाकर प्रतिपक्षी ने सेवा में कमी की है, आवेदक ने फीस का भुगतान करके खुद को उपभोक्ता साबित किया है और वह सत्यापित प्रतिलिपि नहीं मिलने पर 60 रूपये फीस की वापसी के साथ 20 हजार रूपये के मुआवजे का हकदार है, साथ ही आवेदक को मुकदमा खर्च के रूप में 5000 रुपया देने का आदेश दिया जाता है। प्रतिपक्षी आवेदक को इस आदेश के मिलने के 30 दिनों के भीतर 25060 रूपये का भुगतान करे अन्यथा इसके बाद उसे इस रकम पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी भरना होगा।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और राष्ट्रीय ख़बरें
सरकार रोजगार के अवसर प्रदान करे तो युवाओं को विदेश जाने की जरूरत ही नहीं: कुमारी सैलजा भारत सरकार उन एजेंटों को पकड़े जिन्होंने अवैध रूप से युवकों को बाहर भेजा : लक्ष्मीकांता चावला सामूहिक विवाह समारोह में 93 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे खास खबरः पूर्व प्रधानमंत्री श्री गुलज़ारीलाल नंदा के जीवन पर बनेगी फिल्म चुनावी धांधली के वीडियो ना देना पड़े इसलिए नियम ही बदल दिए नकली सोने को असली बताकर लोन दिलवाने वाला गोल्ड वांटेड मेन दिल्ली एयरपोर्ट से पंचकूला की इकनॉमिस्ट विंग ने किया गिरफ्तार एकतरफा एवं भ्रष्ट सिस्टम ने अतुल सुभाष जैसे होनहार सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान ले ली राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग के जोधपुर बेंच ने सेवा में कमी के लिए 21 हजार रूपये का लगाया जुर्माना बदलते देश में भारतीय मीडिया भी बदल रहा है: मीडिया विशेषज्ञ डॉ रत्तू सूचना आयोग की गर्दन उपभोक्ता आयोग के हाथ, यू पी सूचना आयोग को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से कारण बताओ नोटिस