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राष्ट्रीय

जवान सीमाओं की सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं: गृह मंत्री अमित शाह

April 17, 2025 09:30 PM

आबू रोड/ राज सदोष।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि अत्यधिक गर्मी में भी देश के जवान सीमाओं की सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं। अमित शाह ब्रह्मकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में संस्थान के सुरक्षा सेवा प्रभाग की सिल्वर जुबली पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करने के पश्चात संबोधित कर रहे थे। 

गृह मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों के सुरक्षा कर्मियों के त्याग-तप और बलिदान के कारण आज हम सुरक्षित हैं। 46 डिग्री टेंपरेचर से लेकर प्लस 46 डिग्री टेंपरेचर राजस्थान के रेगिस्तान के अंदर हमारी सीमाओं की वह सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा, संवैधानिक सुधारों और राष्ट्रीय अखंडता को सशक्त करने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनकी प्रतीक्षा देश दशकों से कर रहा था। उन्होंने दादी रतनमोहिनी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन त्याग, प्रेम, सेवा, साधना और आध्यात्मिक अनुशासन की अनूठी मिसाल रहा है।


तभी जाकर हम सुरक्षित, आंतरिक सुरक्षा की बात करें तो सेना और सीआरपीएफ छोड़कर सभी राज्यों की पुलिस भी कानून और व्यवस्था की स्थिति संभालकर हर निर्बल को संरक्षण देने का काम करती है,लेकिन यह काम एक प्रकार से ढेर सारा तनाव पैदा करने वाला है। ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा हमारे सुरक्षा कर्मियों को बाहर लाकर उनका मन, आत्मा और शरीर को शांति का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करना, अपने आप में एक बहुत बड़ा काम है। मैं ब्रह्मकुमारी को इसके लिए बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहता हूं।

गृह मंत्री ने संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासनिका दादी रतनमोहिनी के निधन पर दुख व्यक्त किया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। दादी रतन मोहिनी काव्यगत 8 अप्रैल को निधन हो गया था।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा, संवैधानिक सुधारों और राष्ट्रीय अखंडता को सशक्त करने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनकी प्रतीक्षा देश दशकों से कर रहा था। उन्होंने दादी रतनमोहिनी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन त्याग, प्रेम, सेवा, साधना और आध्यात्मिक अनुशासन की अनूठी मिसाल रहा है।

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका मोहिनी दीदी ने कहा कि यदि अपने ही मन में शांति नहीं है तो हम कितनी ही कॉन्फ्रेंस कर लें, शांति की बात कर लें लेकिन कोई फायदा नहीं होगा। सबसे पहले हमें स्वयं के अंदर शांति लानी होगी। राजयोग मेडिटेशन से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है।

 
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