मामला मेयर से 42 लाख की ठगी से जुड़ा, रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ जारी: 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 37 एटीएम कार्ड, 3 पेटीएम साउंड बॉक्स, 2 जिओ फाइबर डिवाइस, 4 फर्जी सिम कार्ड, 3 बैंक किट, 9 चेकबुक, 2 पासबुक और 30,000 नकद बरामद
फेस2न्यूज /पंचकूला
पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज के मार्गदर्शन में पंचकूला साइबर क्राइम थाना टीम ने मेयर से 42 लाख की ठगी के मामले में पूरे साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड किया है। जिसमें अब तक कुल 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। पंचकूला पुलिस की साइबर क्राइम थाना लगातार साइबर ठगों का ठिकाने लगाने में जुटी है। डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता व डीसीपी क्राइम एंड ट्रैफिक मनप्रीत सिंह सूदन ने टीम के प्रयासों को सराहनीय बताया है व इसका पूरा श्रेय साइबर थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर युद्ववीर सिंह, इस मामले के जांच अधिकारी एएसआई बृजेश, एएसआई विक्रमजीत सिंह, सिपाही मोहित व सिपाही अंकित को दिया है जिन्होने बिहार जाकर इस पूरे गैंग का सफाया करने में सफलता हासिल की है।
शिकायत के अनुसार, 26 जून को पीड़ित मेयर के बेटे के मोबाइल पर एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया कि कंपनी के बैंक खाते से दो संदिग्ध लेनदेन हुए हैं। जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी लेटरहेड और दस्तावेजों के माध्यम से 42,52,000 की ठगी को अंजाम दिया है।
मामला सामने आते ही साइबर थाना पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2) व 61(2) के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच एएसआई बृजेश कुमार को सौंपी गई, जिन्होंने कॉल डिटेल्स, व्हाट्सएप चैट्स और संदिग्ध बैंक खातों की गहराई से पड़ताल कर आरोपियों को चिह्नित किया।
पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज ने साइबर थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह, जांच अधिकारी एएसआई बृजेश कुमार और पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि “इस सफल कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के लिए अब कहीं छिपना आसान नहीं। हमारी पुलिस टीम सजग, सक्षम और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जो हर चुनौती का डटकर सामना कर साइबर ठगों को हवालात का रास्ता दिखाने में जुटी है।
इस मामले में पहली गिरफ्तारी 5 जुलाई को हुई, जब उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से सलाउद्दीन अंसारी और श्याम दयाल को गिरफ्तार कर 10 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। इसके बाद 18 जुलाई को बिहार निवासी देवव्रत को पकड़ा गया, जिसे 25 जुलाई तक के रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान मिले सुरागों के आधार पर 23 जुलाई को गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों राहुल कुमार उर्फ बंटी (सारण, बिहार), आलोक कुमार उर्फ बंटू (मुजफ्फरपुर, बिहार) और प्रतीक राज उर्फ अंकित (औरंगाबाद, बिहार) को पटना से गिरफ्तार किया गया।
टीम के शानदार प्रयासों की बदौलत बिहार में रेड के दौरान आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 37 एटीएम कार्ड, 3 पेटीएम साउंड बॉक्स, 2 जिओ फाइबर डिवाइस, 4 फर्जी सिम कार्ड, 3 बैंक किट, 9 चेकबुक, 2 पासबुक और 30,000 नकद बरामद किए है। आरोपियों को आज कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान आरोपियों से अन्य साइबर ठगी के मामले के बारे जानकारी जुटाई जाएगी साथ ही इस मामले में संलिप्त अगर अन्य आरोपी भी पाएं जाते है तो उनको भी हवालात का रास्ता दिखाया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज ने साइबर थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह, जांच अधिकारी एएसआई बृजेश कुमार और पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि “इस सफल कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के लिए अब कहीं छिपना आसान नहीं। हमारी पुलिस टीम सजग, सक्षम और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जो हर चुनौती का डटकर सामना कर साइबर ठगों को हवालात का रास्ता दिखाने में जुटी है।