मनमोहन सिंह
आखिर भारत की लड़कियों ने अपनी लय पकड़ी और 'करो या मरो' वाले मैच में न्यूजीलैंड को 53 रन (DLS) से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बना ली। मैने पहले भी लिखा था कि अगर हमारी टीम अपनी क्षमता के अनुरूप खेलेगी तो न्यूजीलैंड को हराना अधिक कठिन नहीं होगा।

Smrith Mandhana

Pratika Rawal
असल में तो भारत की जीत उस समय ही तय हो गई थी जब स्मृति मंधाना और प्रीतिका रावल ने बहुत ही संयम से खेलते हुए पहली विकेट के लिए 212 जोड़ दिए। यह साझेदारी 34 वें ओवर तक चली। बारिश के कारण बाधित इस मैच को 50 की जगह 49 ओवर का कर दिया गया था। भारतीय बल्लेबाजी की खासियत यह रही कि उसके दोनों सलामी बल्लेबाजों ने शतक जमाए। स्मृति 109 रावल ने 122 रनों का शानदार योगदान किया।
इन दोनों खिलाड़ियों ने पूरी पारी में एक आध शॉट को छोड़ कर कोई ग़लत शॉट नहीं लगाया। ऐसे ही मिडिल स्टंप की गेंद के लेग साइड में फ्लिक करने के चक्कर में स्मृति ने अपना विकेट गंवा ही दिया था। अंपायर ने उसे आउट भी करार दे दिया था पर पवेलियन लौट रही भारतीय उपकप्तान स्मृति को दूसरे छोर पर खड़ी रावल ने रिव्यू लेने को कहा तो पता चला कि गेंद बल्ले का हल्का सा कोना ले कर गई थी। इस तरह स्मृति बच गई।
इसके अलावा तीसरे नंबर पर भेजी गई जमीमा रॉड्रिक्स आज अलग अंदाज़ में दिखीं। पिछले मैच में उन्हें टीम से बाहर रखा गया था, पर इस मैच में उसने आते ही आक्रामक रुख अपना लिया। जमीमा ने 55 गेंदों पर नाबाद 76 रन बना कर न केवल रनों की गति को बढ़ाया बल्कि टीम का स्कोर 340 तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा की।
भारतीय पारी के खत्म होते ही फिर बारिश आ गई और बाद में न्यूजीलैंड को DLS नियम के तहत 44 ओवर में 325 रनों का लक्ष्य दिया गया। न्यूजीलैंड के लिए शुरुआत खराब रही। क्रांति गौड़ ने अपने पहले ही ओवर में उनकी ओपनर बेट्स को एक रन के स्कोर पर बोल्ड कर दिया। उस समय उनकी टीम का स्कोर भी एक ही था। उसके बाद पॉलिमर और ऐ कार स्कोर को 51 तक ले गईं पर वहां अपने दूसरे स्पेल में लौटी रेणूका सिंह में ने बोल्ड करके पवेलियन वापिस भेज दिया।
अपने पहले स्पेल के एक ओवर में बहुत ही खराब गेंदबाजी करने वाली रेणूका ने अपनी शानदार इनस्विंगर पर न्यूजीलैंड की कप्तान सोफिया डिवाइन के स्टंप उखाड़ कर न्यूजीलैंड की आशाओं पर पानी फेर दिया। वह केवल छह रन ही बना पाई। इसके बाद न्यूजीलैंड की पारी सम्भल ही नहीं पाई और निर्धारित 44 ओवर में 271 रन ही बना पाई।
अब भारत सेमीफाइनल में है पर अभी भी हमें टीम में जो कमियां दिख रही हैं उन्हें देखना होगा। हालांकि टीम अब संतुलित लगती है पर क्या पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ जाना सही रहेगा। जिस तरह स्नेह राणा और दीप्ति शर्मा ने सात की औसत से अधिक रन दिए उस पर सोचना होगा। इस मैच में तो बोर्ड पर रन बहुत थे पर अगर अपना स्कोर कम हुआ तो क्या करेंगे। यहां भी तो न्यूजीलैंड 44 ओवर में 271 रन बनाने में सफल हो गया। अब भारत का सेमीफाइन ऑस्ट्रेलिया के साथ होने की संभावना लग रही है। टीम के प्रबंधन ने उस मैच के बारे में भी अपनी कोई रणनीति बनाई होगी। देखते हैं क्या नतीजा आता है। पर उम्मीद बरकरार रखनी चाहिए।