बठिंडा के आरटीआई एक्टीविस्ट द्वारा देश के सेहत विभाग से मिला डरावना डेटा, प्रति वर्ष के डेंगू के केसों का आंकड़ा 2 लाख के पास
अखिलेश बंसल बरनाला / नीरज कुमार बठिंडा
केन्द्र से लेकर राज्य सरकारों द्वारा डेंगू पर रोकथाम के लिए अब तक करोड़ों रुपया खर्च होना दिखाया जा चुका है, लेकिन पिछले 14 वर्षों से डेंगू की चपेट में आने के केसों के मामले देश में लगातार बढ़ते क्रम हैं। गुजरे 14 साल में देश के अंदर डेंगू के 26,94,874 केस आये हैं। यह डरावना युक्त डेटा जानकारी बठिंडा के आरटीआई एक्टीविस्ट एवं ग्राहक जागो संस्था के सचिव संजीव गोयल द्वारा देश के सेहत विभाग से हासिल की है। आरटीआई एक्ट 2005 के अनुसार प्रति वर्ष के डेंगू के केसों का आंकड़ा 2 लाख के पास पहुंच चुका है। गौरतलब हो यह डेटा सरकारी अस्पतालों में दाखिल हुए मरीजों के अनुसार है। निजी अस्पतालों का डेटा क्या रहा इसकी जानकारी शामिल नहीं है।
ईलाज पर नहीं, विज्ञापनों पर रहा फोक्सः
सरकारों के द्वारा डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के सम्बन्ध में प्रति वर्ष लाखों रूपये विज्ञापनों पर खर्च किये जाते रहे हैं, जगह-जगह पेंटिंग्स बनवा कर, फ्लेक्स बैनर लगवा कर, अख़बारों में इश्तहार प्रकाशित करवा कर और मुनादि आदि करवा कर भी लोगों को डेंगू के बचाव के बारे में बताया जाता है नगर निगमों, नगर कौंसिलों आदि के द्वारा भी समय-समय पर फोगिंग करवाने पर लाखों रूपये खर्च किये जाते हैं। इसके बावजूद प्रति वर्ष डेंगू के लाखों केस बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 2 वर्षों में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में तो डेंगू के केसों के मामले कई गुणा तक बढे हैं, वर्ष 2023 में डेंगू के केसों का आंकड़ा 5 लाख केसों से भी ऊपर चला गया था जबकि वर्ष 2024 में डेंगू के केसों का आंकड़ा 5.73 लाख (करीब 6 लाख के पास) केसों का आंकड़ा पहुंच गया।
एतिहात बरतने की कार्रवाई नहीं लाई रंगः
डोर-टू-डोर सर्वे कर लोगों को खुले में कई दिनों तक साफ पानी को स्टोर/रखने के लिये मना किया गया। सप्ताह में 1 दिन अपने-अपने घरों, दुकानों के कुलरों को साफ रखने, फ़्रीज़ों के पीछे लगी ट्रेयों में पानी जमा न होने देने और घरों, दुकानों की छतों पर पड़े गमलों, टायरों में साफ पानी जमा न होने देने के बारे में चेतावनी दी गई। इसके इलावा प्रशासन के द्वारा अलग-अलग एरिया में टीमें भेजी गईं और डेंगू का लारवा मिलने पर नगर निगमों, नगर कौंसिलों द्वारा चालान भी किये गए। इसके बावजूद डेंगू के डंक से आज तक सैकड़ों मरीज अपनी जान से हाथ भी धो चुके हैं।
दो पोर्टलों से मिला डेटाः आर.टी.आई. एक्टिविस्ट
पंजाब के बठिंडा के निवासी आर.टी.आई. एक्टिविस्ट संजीव गोयल की तरफ से सूचना का अधिकार कानून-2005 के माध्यम से एक आर.टी.आई. आवेदन 05 अगस्त 2025 को कार्यालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली में किया गया था, जिसमें सरकारी रिकॉर्ड/आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 से लेकर 2025 तक प्रति वर्ष पूरे भारत में आये डेंगू के केसों की गिनती की सूचना की मांग की गयी थी। कार्यालय राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली की तरफ से प्राप्त हुई सूचना में जो डेंगू के केसों के सामने आये हैं वो आंकड़े बहुत ही डरावने थे।
मिली सूचना के अनुसार वर्ष 2012 से लेकर अगस्त 2025 तक पूरे भारत में डेंगू के केसों की कूल संख्या 26,94,874 (लगभग 27 लाख) बते गए। जो लोग डेंगू हो जाने पर आपने घर पर ही देसी इलाज, दवाईयां आदि खा कर, निजी डॉक्टरों या निजी हस्पताल में इसका इलाज करवाते होंगे उनके आंकड़े शायद सरकारी इस रिकॉर्ड में नहीं हैं, शायद उन सभी को मिला कर तो पूरे देश में डेंगू के केसों की संख्या कई गुणा बढ़ जायेगी।
वर्ष 2012 से 2021 तक के आंकड़े एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम पोर्टल के अनुसार हैं। जबकि वर्ष 2022 से अगस्त 2025 तक के आंकड़े एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम - एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच पोर्टल के अनुसार हैं। पिछले कई वर्षों से देखने में आया है कि हमारे देश में प्रति वर्ष डेंगू के केसों के आंकड़े लाखों की संख्या में सामने आ रहे हैं सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, अगर हम डेंगू के केसों की पूरे देश की प्रति वर्ष की औसत निकालें तो लगभग 1,99,620 (1 लाख 99 हज़ार 6 सौ 20) केस प्रति वर्ष औसत बनती है। अगर हम डेंगू के केसों की पूरे देश की प्रति महीने की औसत निकालें तो 16,432 (16 हज़ार 4 सौ 32) केस प्रति महीना औसत बनती है।
यह वर्ष रहे टॉपर सूचि मेः
पहले नंबर पर सबसे ज्यादा डेंगू के केस वर्ष 2024 में 5,73,568 केस आये।
दूसरे नंबर पर डेंगू के केस वर्ष 2023 में 5,03,479 केस आये।
तीसरे नंबर पर डेंगू के केस वर्ष 2019 में 2,33,271 केस आये।
चौथे नंबर पर डेंगू के केस वर्ष 2017 में 2,21,988 केस आये।
वर्ष 2012 से अगस्त 2025 तक देश में डेंगू के मिले लगभग 27 लाख केस
वर्ष डेंगू के केस
2012 73,324 केस
2013 81,129 केस
2014 45,216 केस
2015 1,25,464 केस
2016 1,62,866 केस
2017 2,21,988 केस
2018 1,42,234 केस
2019 2,33,271 केस
2020 39,879 केस
2021 1,21,234 केस
2022 2,59,566 केस
2023 5,03,479 केस
2024 5,73,568 केस
2025 1,11,656 केस
कुल वर्ष 14 कुल केस 26,94,874