मुख्यमंत्री ने साध संगत का किया स्वागत 'जी आया नू', श्री गुरु तेग बहादुर जी के असाधारण बलिदान, उनकी शिक्षाओं और साहस ने पीढ़ियों को दिया वीरता का संदेश - नायब सिंह सैनी . हरियाणा गुरुओं की धरती है, हम नई पीढ़ियों को उनके संदेश, आदर्शों और विचारों से प्रेरित करने के लिए करते रहेंगे निरंतर प्रयास - मुख्यमंत्री
चंडीगढ़
गीता और गुरुओं की पावन धरती हरियाणा आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब ‘हिन्द की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में आयोजित समागम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की।
कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी मामले मंत्री श्री मनोहर लाल, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर सहित प्रदेश के कई मंत्री, सांसद, विधायक और विशाल संख्या में पहुंची साध-संगत उपस्थित रही।
समारोह की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब की पावन हजूरी में नमन और “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के उच्चारण के साथ हुई। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के असाधारण बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाओं और साहस ने पीढ़ियों को वीरता का संदेश दिया है। उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत को नमन करने और उनको श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए हरियाणा को चुनने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।
राज्यव्यापी आयोजनों से गूँजा गुरु साहिब जी का संदेश
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु जी के शहीदी दिवस पर प्रदेश सरकार ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के साथ मिलकर अनेक आयोजन किये हैं, ताकि गुरु जी की शिक्षाएं प्रदेश के बच्चे-बच्चे तक पहुंचे। गत 1 नवम्बर से पूरे प्रदेश में रोड़ी (सिरसा), पिंजौर (पंचकूला), फरीदाबाद और सढौरा (यमुनानगर ) से चार यात्राएं निकाली गईं। तब से शुरु करके आज तक प्रदेश में 350 रक्तदान शिविर आयोजित किये, जिनमें 27 हजार यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है। गुरु जी के जीवन पर प्रदेश के सभी स्कूलों में संस्कृत, हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेजी भाषाओं में निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इनमें 3 लाख 50 हजार बच्चों ने भाग लिया। इसी प्रकार, तीन भाषाओं की कहानी प्रतियोगिता में 350 विद्यार्थियों ने भाग लिया। चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा में राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किया गया। सरकार ने इस विश्वविद्यालय में श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, दर्शन और कार्यों पर चेयर स्थापित करने का निर्णय भी लिया। इसी प्रकार, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया ताकि युवाओं को गुरु जी की शिक्षाओं से प्रेरणा मिल सके।
उन्होंने कहा कि करनाल में 'हिन्द की चादर' मैराथन का आयोजन किया गया, जिसमें 80 हजार लोगों ने भाग लिया। गुरु जी के शीश को आनंदपुर साहिब पहुंचाने के प्रण से अपना शीश कुर्बान करने वाले दादा कुशाल सिंह दहिया जी के बलिदान स्थल बढ़खालसा में उनकी याद में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इसके अलावा, यमुनानगर जिला के कलेसर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर वन लगाने का निर्णय लिया गया। वहां वन्य जीव संरक्षण ब्लॉक में विद्यार्थियों के साथ 350 पौधे लगाए गए हैं तथा श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वार बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष को देश भर में मनाया गया। उनकी स्मृति में डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया गया। उनके कर कमलों से ही पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब तक श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर का लोकार्पण किया गया। इसी कॉरिडोर से हरियाणा के भी 1,739 श्रद्धालुओं ने ननकाना साहिब के दर्शन किये हैं। वर्ष 2021 में जब अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आई तो प्रधानमंत्री ने वहां से गुरु ग्रंथ साहिब के तीनों पावन स्वरूपों को विशेष विमान से भारत लाने का प्रबंध किया। उनकी पहल पर ही अब पूरे देश में दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस को हर वर्ष 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
हरियाणा में गुरुओं की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का किया जा रहा कार्य
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों को राज्य सरकार ने हरियाणा में भी आगे बढ़ाया है। चाहे वर्ष 2021 में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व या वर्ष 2017 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व या श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व हो, इन्हें पूरे राज्य में पूरी धूमधाम से मनाया गया। राज्य सरकार ने यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम 'हिन्द की चादर' श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में न सिर्फ 1984 की चोट को समझा बल्कि उनके घाव भरने की सच्ची कोशिश भी शुरु की। साथ ही दोषी लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ऐसी ही पीड़ा झेलने वाले 121 परिवारों की आशा का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने हरियाणा के इन प्रत्येक परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि सिरसा स्थित गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल (8 एकड़ 6 कनाल) भूमि दी है। इस स्थान पर प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के चरण पड़े थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा भी गुरुओं की धरती है। हम अपनी नई पीढ़ियों को उनके संदेश, आदर्शों और विचारों से प्रेरित करने के लिए निरंतर काम करते रहेंगे। इसी दिशा में श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर इस समागम का आयोजन किया गया है।
अनुभव केन्द्र के माध्यम से अब पूरी दुनिया महाभारत के युग को साक्षात देख सकेगी
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गीता का संदेश हर हरियाणवी के रगों में है। जब 6 अक्तूबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में आए थे, तो उन्होंने कहा था कि कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उनसे प्रेरणा प्राप्त कर हमने गीता महोत्सव को कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत वर्ष 2016 में की थी। तबसे अब तक इसमें 4 देशों व 6 राज्यों ने भागीदारी की है। यही नहीं, देश से बाहर 6 देशों में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया गया है। आज इस पावन धरा पर प्रधानमंत्री के कर कमलों से अनुभव केन्द्र का उद्घाटन हुआ है। इसके माध्यम से अब पूरी दुनिया महाभारत के युग को साक्षात देख सकेगी। इसी प्रकार, भगवान श्री कृष्ण जी के पवित्र शंख 'पंचजन्य' का लोकार्पण भी किया गया है।
इस अवसर पर हरियाणा के बिजली मंत्री श्री अनिल विज, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा, राजस्व मंत्री श्री विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री रणबीर सिंह गंगवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी, सिंचाई मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री श्री राजेश नागर और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष श्री जगदीश सिंह झिंडा भी उपस्थित रहे।