कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पावन तट पर 5 दिसंबर तक चलेगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
फेस2न्यूज/चंडीगढ़
मंत्रोच्चारण और शंखनाद की गुंजायमान ध्वनि के बीच आज कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव - 2025 में पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया गया। पवित्र ग्रंथ गीता के महापूजन तथा गीता के श्लोकों के उच्चारण के बीच कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव - 2025 का शुभारंभ हुआ।
इसके साथ ही आज ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकोच्चारण से समस्त वातावरण गीतामय हो उठा। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज, कैबिनेट मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, कुरुक्षेत्र लोकसक्षा क्षेत्र के सांसद श्री नवीन जिंदल, पूर्व राज्यमंत्री श्री सुभाष सुधा ने गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली और ब्रह्मसरोवर का पूजन किया।
ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में मेहमानों आगमन हुआ और मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री धुमन सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री तिजेंद्र सिंह गोल्डी, केडीबी के मानद सचिव श्री उपेंद्र सिंघल ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। यहां पर देश के विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपने - अपने प्रदेश की वेशभूषा में सुसज्जित होकर परंपरा अनुसार सभी मेहमानों और पर्यटकों का कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पहुंचने पर अभिनंदन किया।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति डालने के बाद पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया गया। उन्होंने देश और प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आध्यात्मिक, संस्कृति, ज्ञान एवं कला का दिव्य संगम हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का दर्जा मिला।
उन्होंने कहा कि इस पावन धरा पर सरस्वती के तट पर ही वेद, उपनिषद और पुराणों की रचना हुई। इतना ही नहीं सम्राट हर्षवर्धन की वैभवशाली राजधानी थानेसर भी यहीं पर है। कुरुक्षेत्र की इसी महत्व को जानते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने इसे महाभारत युद्ध के लिए चुना था, यहीं पर अर्जुन को कर्मयोग का दिव्य संदेश दिया, जो आज भी मानव के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि गीता केवल दार्शनिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसकी व्यावहारिक जीवन में भी उपयोगिता है। यह ज्ञान - विज्ञान का अनूठा उदाहरण है, यहीं कारण है कि गीता भारतीयों को ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी प्रिय है। पिछले 9 वर्षों से महोत्सव को अपार सफलता और लोकप्रियता मिली, वर्ष 2019 में यह महोत्सव देश से बाहर मॉरीशस, लंदन, कनाडा, आस्ट्रेलिया एवं श्रीलंका आदि देशों में भी मनाया गया।
कैबिनेट मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा इस महोत्सव में हर साल लाखों की संख्या में लोग शिरकत करते है और इस महोत्सव का आनंद लेते है। महोत्सव 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में मध्य प्रदेश सहयोगी राज्य के रूप में शिरकत कर रहा है। इन प्रयासों से पवित्र ग्रंथ की ख्याती और गीता महोत्सव की लोकप्रियता आज भी देश की सीमाओं को लांघ कर विश्व के कोने-कोने तक पहुंच रही है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता जयंती पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में सरस और शिल्प मेले का आगाज 15 नवंबर से हो चुका है।