लीलाधर शर्मा/फाजिल्का
फाजिल्का के शहीद बीएसएफ जवान राजिंदर सिंह (30) का रविवार उनके गांव झुग्गे गुलाब सिंह में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनको अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। छोटे भाई राकेश सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। परिजनों के मुताबिक, राजिंदर सिंह की 3 फरवरी को शादी होने वाली थी। लेकिन 26 दिसंबर को शिलांग (मेघालय) में गोली लगने से शहीद हो गए। उनके पार्थिव शरीर को फ्लाइट के जरिए अमृतसर लाया गया, जिसके बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव झुग्गे गुलाब सिंह पहुंचाया गया।
गांव की श्मशान भूमि में उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान पूरे गांव में शोक का माहौल रहा। शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण, सियासी नेता और बीएसएफ के जवान मौजूद रहे। विधायक ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद की जाएगी। शहीद के पिता हरनाम सिंह ने बताया कि उनका बेटा शिलांग, मेघालय में बीएसएफ में तैनात था और दो दिन पहले शहीद हो गया। राजिंदर सिंह में शुरू से ही देशभक्ति का जज्बा था और इसी भावना के चलते उसने बीएसएफ जॉइन कर देश सेवा का रास्ता चुना। बेटे की शहादत पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि परिवार को गहरा दुख है, लेकिन उन्हें अपने बेटे के बलिदान पर नाज है।
घर में शादी की तैयारियां चल रही थg, वह बीते सितंबर में घर छुट्टियों पर आए थे। तभी गजनी वाला गांव की एक लड़की के साथ उनका रिश्ता तय हुआ था। इसके बाद वह ड्यूटी पर चलाया गया। आगामी 3 फरवरी को राजिंदर सिंह की शादी तय थी और इसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं।
बहन से हुई थी आखिरी बार वीडियो कॉल अचानक शहादत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। राजिंदर सिंह के अपने पीछे मां बलवीरा बाई, पिता हरनाम सिंह और भाई राकेश सिंह व बहन को छोड़ गए हैं। दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। शहीद होने से एक दिन पहले उन्होंने अपनी बहन से आखिरी बार वीडियो कॉल पर बात की थी। शहीद के पिता ने सरकार और प्रशासन से अपने पीछे बचे एक बेटे और एक बेटी के भविष्य के लिए सहायता की मांग की है।
193 बटालियन बीएसएफ से राजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर लेकर आए एएसआई तारा सिंह ने बताया कि वह छुट्टी पर बठिंडा लौट रहे थे कि उन्हें हेडक्वार्टर से फोन आने पर वापस आने के लिए कहा गया। जिससे वह रास्ते से ही शिलांग लौट गए। फ्लाइट लेट हो रही थी, ऐसे में वह मौके पर पहुंचे और तुरंत राजिंदर के पार्थिव शरीर को लेकर फाजिल्का की ओर रवाना हो गए। राजिंदर सिंह उसके साथ ही तैनात था और बिहार में भी चुनावों के दौरान उसने उसके साथ ड्यूटी निभाई थी। अब वह शिलांग मेघालय में ड्यूटी पर था। उसकी मौत कैसे हुई अभी उन्हें ये नहीं पता है।