राज सदोष/ अबोहर/आबू रोड।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन परिसर में आईटी विंग की इनर टेक्नोलॉजी नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया गया। क्रिएटिव योवर बेस्ट वर्जन विषय पर संबोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके शिवानी दीदी ने कहा कि यहां से सभी संकल्प लेकर जाएं कि रोज एक घंटा स्वयं के लिए निकालेंगे। फिर दो माह बाद आप स्वयं फील करेंगे कि मेरे पास पहले से ज्यादा टाइम आ गया है।
हमारा जितना ज्यादा माइंड पावरफुल होता जाएगा तो वह उतने कम आप्शन देगा। इससे हमारा समय बचेगा। जिस इमोशन से हमारी एनर्जी नीचे जा रही है तो वह रांग है, जिस इमोशन से हमारी एनर्जी ऊपर जा रही है, बढ़ रही है तो वह राइट है।
पवित्र आत्मा हूं... अपने जीवन में लगे दाग को हटाना है। मैं पॉवरफुल आत्मा हूं... ऐसा फील करेंगे तो किसी भी सिचुवेशन में हम पॉवरफुल फील करेंगे।आत्मा की तीन फैकल्टी हैं- मन, बुद्धि, संस्कार।
उन्होंने कहा कि मेरे कर्म से किसी का मन डिस्टर्ब होता है तो मेरा मन स्टेबल, शांत नहीं रह सकता है। ऐसे कर्म जिनसे दूसरों को प्रॉब्लम आती है तो वह हमारे खाते में जुड़ जाता है। यदि हम समय की रिस्पेक्ट करेंगे तो समय हमारा रिस्पेक्ट करेगा। आज से ये लाइन खत्म कर दें कि मेरे पास टाइम नहीं है। मैं पवित्र आत्मा हूं... अपने जीवन में लगे दाग को हटाना है। मैं पॉवरफुल आत्मा हूं... ऐसा फील करेंगे तो किसी भी सिचुवेशन में हम पॉवरफुल फील करेंगे।आत्मा की तीन फैकल्टी हैं- मन, बुद्धि, संस्कार।
शिवानी दीदी ने कहा, "मन ज्यादा सोचता है। जो ज्यादा सोचता है उसकी क्वालिटी और विचार कमजोर होते हैं। यदि हम से बोला जाए कि किसी की अच्छाई के बारे में बोलना है तो हम दो लाइन में ही खत्म कर देंगे। लेकिन यदि बुराई करना हो तो घंटों तक बोलते रहेंगे। इसलिए जब विचारों में क्वालिटी होगी तो शरीर की शक्ति भी बचेगी। बुद्धि सही निर्णय देगी।
- आज हम अपना निर्णय खुद नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि हमारी बुद्धि की शक्ति कमजोर हो गई है।"