अबोहर: ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका डॉ. निर्मला दीदी का 88 वर्ष की उम्र में देवलोकगमन हो गया। उन्होंने अहमदाबाद के हॉस्पिटल में शुक्रवार सुबह 11 बजे अंतिम सांस ली। शनिवार शाम 4 बजे माउंट आबू के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुंबई के प्रसिद्ध व्यापारी परिवार में वर्ष 1935 में जन्मी डॉ. निर्मला दीदी बचपन से ही प्रतिभावान रहीं। आप बचपन में खेलकूद के साथ पढ़ाई में विशेष रुचि रखती थीं। वर्ष 1962 में आपने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसी वर्ष आप ब्रह्माकुमारीज के संपर्क में आईं। मुंबई में आपने 1962 में प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) से ज्ञान प्राप्त कर और आपके जीवन से प्रभावित होकर अध्यात्म के प्रति विशेष रुचि बढ़ गई। मम्मा के प्रवचन सुनकर और पवित्र जीवन ने प्रभावित किया।
आप पहली बार वर्ष 1964 में माउंट आबू पहुंचीं, जहां ब्रह्मा बाबा से मुलाकात के बाद आपने समर्पित रूप से सेवाएं देने का संकल्प किया। वर्ष 1966 से आप संपूर्ण समर्पित रूप से अपनी सेवाएं दे रहीं थीं। सेवा साधना के इस पथ पर चलने के आपके संकल्प में माता-पिता ने भी सहर्ष स्वीकृति दे दी।
उच्च शिक्षित होने के कारण तत्कालीन मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि ने डॉ. निर्मला दीदी को विदेश सेवाओं की जिम्मेदारी सौंपी। वर्ष 1971 में आप पहली बार लंदन पहुंचीं, जहां दादी जानकी के साथ कुछ समय सेवाएं देने के बाद आपने अफ्रीका, मॉरीशस, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर सहित 70 देशों में लोगों में अध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन की अलख जगाई।
अध्यात्म के क्षेत्र में आपकी विशेष सेवाओं को देखते हुए सरकार ने आपको ऑस्ट्रेलिया अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा। करीब 12 साल से आप संस्थान के माउंट आबू स्थित ज्ञान सरोवर परिसर की निदेशिका और तीन साल से संयुक्त मुख्य प्रशासिका की जिम्मेदारी संभाल रहीं थीं।