चण्डीगढ़ : श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 चंडीगढ़ में पिछले 21 दिनों से चल रहा चंदन यात्रा महोत्सव का समापन हो गया। गौड़ीय मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि 21 दिवसीय चंदन यात्रा महोत्सव में भाग लेने के लिए भक्तों में अति उत्साह भरा हुआ था।
सुबह से ही दीक्षित भक्तजन वैष्णव वेशभूषा में पुरुष धोती-कुर्ता एवं महिलाएं धोती-साड़ी पहन कर चंदन घिसने के लिए उत्सुक रहती थीं और अपनी बारी का इंतजार करते रहते थे। मठ के दंडी स्वामी वामन जी महाराज जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए बताया कि माधविंदर नामक उच्च कोटि के कृष्ण भक्त जी को स्वप्न में गोपाल जी ने आदेश दिया था कि, उड़ीसा के माल्य पर्वत से चंदन लाकर मेरे शरीर में लेपन करो क्योंकि मेरा शरीर गर्मी से तप रहा है।
माधविंदर पुरी जी ने भगवान की आज्ञा का पालन कर चंदन लेने के लिए निकल पड़े। वापसी में वे रमुना नामक स्थान के गोपीनाथ जी के प्रसिद्ध मंदिर में रुके, वहां पर गोपीनाथ जी ने माधविंदर पुरी जी के लिए खीर चुराई, इसलिए उस मंदिर का नाम खीर चोर गोपीनाथ पड़ा। गोपीनाथ जी ने मानवेंद्र पुरी जी को कहा कि आप यहीं पर रहकर मेरे शरीर में चंदन घिसकर लेपन करें जिससे मेरे शरीर की तपन को ठंडक प्राप्त होगी। तब से यह परंपरा प्रतिवर्ष मनाई जाती है। वामन जी महाराज ने कहा कि भगवान के लिए चंदन घिसने से भगवान को शीतलता प्राप्त करने से भक्तों के जीवन में शीतलता प्राप्त होती है। दुख कलेश दूर होकर भगवान कृष्ण की भक्ति प्राप्त होती है। चंदन यात्रा महोत्सव के समापन के शुभ अवसर पर भक्तों को आम के ठंडे रस का भोग प्रसाद वितरित किया गया। रात्रि की आरती के पश्चात भक्तों ने नित्य संकीर्तन कथन प्रवचन का भरपूर आनंद प्राप्त किया।