संजय कुमार मिश्रा/चंडीगढ़
जिला उपभोक्ता आयोग चंडीगढ़ ने मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल और वहां के डाक्टर मोहनीश छाबड़ा पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने अस्पताल द्वारा इलाज में लापरवाही से हुई एक मरीज की मौत के आरोप में अस्पताल के खिलाफ यह फैसला सुनाया है।
शिकायतकर्ता प्रियंका शर्मा ने अपने पति हरित शर्मा की मौत पर अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया और उपभोक्ता आयोग में शिकायत दी । हरित शर्मा ने अपनी मौत से पहले कागज पर पेन से अपने चिकित्सा में लापरवाही के बारे में एक नोट लिखा जो उपभोक्ता आयोग में अहम सबूत साबित हुआ। इस नोट में उन्होंने डाक्टरों की चिकित्सा लापरवाही के बारे में लिखा था। डाक्टरों ने उनके इलाज में कुछ लापरवाही बरती थी जिसके बारे में उन्होंने डाक्टरों को आपस में बात करते सुना था।
उनके मुंह पर आक्सीजन मास्क लगा था लेकिन वह पूरे होश में थे। जब उनकी पत्नी प्रियंका शर्मा अस्पताल आई तो उन्होंने इशारों में कागज-पेन मांगा और पूरा वाकया उस पर लिख दिया। प्रियंका शर्मा ने इसी कागजी नोट को सबूत के रूप में आयोग के समक्ष पेश किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर अस्पताल को सेवा में लापरवाही का दोषी ठहरा दिया।
दूसरी तरफ अस्पताल ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए शिकायतकर्ता के सभी आरोपों को खारिज करते हुए शिकायत को खारिज करने का अनुरोध किया। अस्पताल ने कहा कि मरीज गंभीर लिवर रोग से पीड़ित था और लंबे समय से शराब का सेवन करता था। अस्पताल एवं डाक्टरों ने अपनी विशेषज्ञता के अनुसार हरसंभव सही इलाज किया और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की गई है इसलिए इस केस को खारिज कर दिया जाए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद और प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर आयोग ने अस्पताल को लापरवाही का दोषी पाया और जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया।